बरेली में 18 दिनों से लापता लेखपाल का कंकाल मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। कंकाल नाले से बरामद किया गया है, और नाले के पास ही लेखपाल के कपड़े भी पाए गए हैं। परिवार के लोगों ने इन कपड़ों के आधार पर कंकाल की पहचान की। मौके पर हड्डियां इधर-उधर बिखरी हुई थीं, जो घटना की भयावहता को बयां कर रही थीं।
परिवार की शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई
लेखपाल के परिवार ने कई बार पुलिस और विभागीय अधिकारियों से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन किसी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से परिवार बेहद निराश था। इस लापरवाही के चलते परिवार के लोगों को खुद अपने स्तर पर खोजबीन करनी पड़ी।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
इस घटना ने पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती, तो शायद इस दुखद घटना से बचा जा सकता था। अब जब कंकाल मिल चुका है, तो पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जांच के लिए मौके पर जुटी टीम
कंकाल मिलने की सूचना पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए गए हैं। हड्डियों को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है, ताकि मौत के कारणों का पता लगाया जा सके। पुलिस का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है।
लेखपाल के लापता होने की पूरी कहानी
लेखपाल 18 दिन पहले अचानक लापता हो गया था। परिवार ने पहले ही दिन से उसकी खोजबीन शुरू कर दी थी। उन्होंने हर संभव जगह जाकर लेखपाल का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन नतीजा शून्य रहा।
विभागीय अधिकारियों की चुप्पी
इस मामले में विभागीय अधिकारियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। लेखपाल के लापता होने के बावजूद विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यह रवैया अधिकारियों की उदासीनता को दर्शाता है।
इलाके में दहशत का माहौल
कंकाल मिलने के बाद से इलाके में डर और असुरक्षा का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई। लोग अब अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
क्या है पुलिस का अगला कदम
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस मामले की सच्चाई सामने लाई जाएगी। परिजनों और स्थानीय लोगों की उम्मीद है कि इस दुखद घटना के जिम्मेदार लोगों को सख्त सजा दी जाएगी।