श्री केदारनाथ जी की आरती का महत्व हर भक्त के लिए अपार है। हिमालय की गोद में स्थित केदारनाथ धाम भगवान शिव का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां की आरती में एक अद्भुत दिव्यता और शांति का अनुभव होता है। आरती के दौरान भक्तजन अपने दिल से भगवान शिव को नमन करते हैं और उनकी कृपा पाने की प्रार्थना करते हैं। इस आरती के मंत्र और भजन न केवल आत्मा को सुकून देते हैं, बल्कि भगवान शिव से एक गहरा जुड़ाव भी महसूस कराते हैं। यह आरती हर भक्त के लिए अध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है, जहां भावनाओं और भक्ति का संगम होता है।
श्री केदारनाथ जी की आरती
जय केदार उदार शंकर,
मन भयंकर दुख हरम्।
गौरी गणपति स्कंद नंदी,
श्री केदार नमाम्यहम्।
शैली सुंदर अति हिमालय,
शुभ मंदिर सुंदरम्।
निकट मंदाकिनी सरस्वती ,
जय केदार नमाम्यहम्।
उदक कुंड है अधम पावन ,
रेतस कुंज मनोहरम्।
हंस कुंड समीप सुंदर ,
जै केदार नमाम्यहम्।
अन्नपूर्णा सहं अर्पणा ,
काल भैरव शोभितम्।
पंच पांडव द्रोपदी सम ,
जै केदार नमाम्यहम्।
शिव दिगंबर भस्मधारी ,
अर्द्धचंद्र विभुषितम्।
शीश गंगा कंठ फणिपति,
जै केदार नमाम्यहम्।
कर त्रिशूल विशाल डमरू ,
ज्ञान गान विशारद् ,
मदमहेश्वर तुंग ईश्वर रूद्र ,
कल्प गान महेश्वरम्।
पंच धन्य विशाल आलय ,
जै केदार नमाम्यहम्।
नाथ पावन है विशालम् ,
पुण्यप्रद हर दर्शनम्।
जय केदार उदार शंकर ,
पाप ताप नमाम्यहम्।
श्री केदारनाथ जी की आरती सुनना या गाना एक दिव्य अनुभव है, जो भक्तों को आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। यह आरती हमें यह संदेश देती है कि भगवान शिव हर समय हमारे साथ हैं और उनकी आराधना से हमें हर मुश्किल का हल मिलता है। यदि आप कभी केदारनाथ धाम जाएं, तो वहां की आरती में भाग लेकर इस अनुभव को स्वयं महसूस करें। भगवान शिव की कृपा से हर भक्त का जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भरा हो। हर हर महादेव!