भगवान शिव, जो संहारक और सृजनकर्ता दोनों हैं, उनकी स्तुति करने से जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक जागृति प्राप्त होती है। शिव स्तुति का जाप करने से भक्तों को शिव कृपा प्राप्त होती है और उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यह स्तुति न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है बल्कि इससे मानसिक शांति और ऊर्जा भी प्राप्त होती है। यदि आप शिव की कृपा और आशीर्वाद चाहते हैं, तो प्रतिदिन शिव स्तुति का पाठ अवश्य करें।
शिव स्तुति
आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा॥
निर्विकार ओमकार अविनाशी,
तुम्ही देवाधि देव,
जगत सर्जक प्रलय करता,
शिवम सत्यम सुंदरा॥
निरंकार स्वरूप कालेश्वर,
महा योगीश्वरा,
दयानिधि दानिश्वर जय,
जटाधार अभयंकरा॥
शूल पानी त्रिशूल धारी,
औगड़ी बाघम्बरी,
जय महेश त्रिलोचनाय,
विश्वनाथ विशम्भरा॥
नाथ नागेश्वर हरो हर,
पाप साप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले,
सदा शिव शिव संकरा॥
जगत पति अनुरकती भक्ति,
सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब,
जय जयति जगदीश्वरा॥
जनम जीवन जगत का,
संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन,
जपता रहे पञ्चाक्षरा॥
आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा॥
कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा..
भगवान शिव की स्तुति करने से जीवन में अपार सुख-शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। यदि आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और भगवान शिव की कृपा चाहते हैं, तो नियमित रूप से शिव स्तुति करें। साथ ही, आप महामृत्युंजय मंत्र, शिव चालीसा, शिव पंचाक्षर मंत्र और शिव तांडव स्तोत्र का भी पाठ कर सकते हैं, जिससे महादेव की कृपा और भी शीघ्र प्राप्त होती है।
शिव स्तुति करने की विधि
- स्नान और शुद्धि – सबसे पहले सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शिवलिंग पूजन – यदि संभव हो तो शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और बेलपत्र अर्पित करें।
- शुद्ध मन से पाठ करें – किसी पवित्र स्थान पर बैठकर शांत मन से शिव स्तुति का पाठ करें।
- धूप और दीप जलाएँ – स्तुति के दौरान धूप और दीप जलाकर वातावरण को पवित्र बनाएँ।
- श्रद्धा और समर्पण – पाठ को श्रद्धा और संकल्प के साथ पूरा करें और भगवान शिव से अपनी प्रार्थना करें।
शिव स्तुति के लाभ
मानसिक शांति – शिव स्तुति के जाप से मन को शांति और सुकून प्राप्त होता है।
सकारात्मक ऊर्जा – शिव आराधना करने से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
विघ्नों का नाश – भगवान शिव के आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयाँ समाप्त होती हैं।
कर्मों का शुद्धिकरण – शिव स्तुति का नित्य पाठ करने से पापों का नाश होता है और आत्मा पवित्र होती है।
आध्यात्मिक उन्नति – यह स्तुति आत्मज्ञान और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।

