शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है, जो कर्म के अनुसार फल देने वाले हैं। यदि किसी की कुंडली में शनि की दशा या साढ़ेसाती चल रही हो, तो Shani Gayatri Mantra in Hindi का जप अत्यंत लाभकारी होता है। यह मंत्र न केवल नकारात्मकता को दूर करता है, बल्कि जीवन में अनुशासन, स्थिरता और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है। आइए जानें इस मंत्र की विधि और इसके दिव्य लाभ।
गायत्री मंत्र
ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि।
तन्नः मन्दः प्रचोदयात्॥
Shani Gayatri Mantra in Hindi न केवल शनि दोषों से मुक्ति का मार्ग है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में संतुलन और मजबूती प्रदान करता है। जो भी श्रद्धा और नियमपूर्वक इस मंत्र का जाप करता है, उसे शनि देव अवश्य आशीर्वाद देते हैं। अगर आपको यह लेख उपयोगी लगा हो तो आप शनि देव को प्रसन्न करने वाले 11 प्रभावशाली मंत्र, शनि दोष निवारण के अचूक उपाय, शनिवार के दिन करने योग्य विशेष पूजा विधि और शनि आरती हिंदी में भी ज़रूर पढ़ें।
मंत्र जाप की विधि
- शुद्धता और समय: प्रातःकाल स्नान कर साफ वस्त्र पहनें। शनिवार का दिन विशेष रूप से उपयुक्त है।
- आसन और दिशा: काले आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- दीपक और पूजन सामग्री: सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनि देव की मूर्ति या चित्र के सामने तिल, नीले फूल और काले वस्त्र चढ़ाएं।
- मंत्र जाप: इस मंत्र का 108 बार जप करें। माला रुद्राक्ष या काले हकीक की हो तो श्रेष्ठ रहेगा।
- दान और संयम: मंत्र जाप के बाद किसी गरीब या वृद्ध को काले तिल, काले कपड़े या लोहे का दान करें। संयमित जीवन और सद्कर्म आवश्यक हैं।
मंत्र जाप के लाभ
- शनि की पीड़ा से राहत:
साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि की महादशा में यह मंत्र मानसिक और आर्थिक कष्टों से राहत दिलाता है। - आत्मबल और संयम:
यह मंत्र साधक को मानसिक दृढ़ता और आत्मनियंत्रण प्रदान करता है, जिससे वह जीवन में संतुलन बनाए रखता है। - न्याय और करियर में सफलता:
शनि देव कर्मफलदाता हैं। इस मंत्र का जप कर्म में स्पष्टता और कार्यक्षेत्र में उन्नति लाता है। - नकारात्मक ऊर्जा का नाश:
घर या कार्यस्थल से नकारात्मक शक्तियों और बुरी दृष्टि को दूर करता है। - आध्यात्मिक उन्नति:
यह मंत्र साधक को धर्म, संयम और तप की ओर अग्रसर करता है, जिससे आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है।

