अमर विश्वकर्मा।01 सितंबर 2024 को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में प्रोफेसर हरिहरनाथ त्रिपाठी फाउंडेशन के तत्वावधान में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय के ‘संबोधी सभागार’ में “भारतीय शिक्षा व्यवस्था के मुद्दे एवं चुनौतियां” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं में प्रो. आर. पी. पाठक (सामाजिक विज्ञान संकाय के पूर्व डीन), प्रो. एन. के. दुबे (पूर्व विभागाध्यक्ष वनस्पति विज्ञान विभाग, बीएचयू), प्रो. सरफराज आलम (भूगोल विभाग, बीएचयू), प्रो. धीरज किशोर (चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू), प्रो. श्रद्धा सिंह (हिंदी विभाग, बीएचयू) और डॉ. आभा मिश्रा पाठक (महिला महाविद्यालय, बीएचयू) उपस्थित रहे।
सभी वक्ताओं ने शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण और अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक शिक्षकों के सामने कर्तव्यबोध और चुनौतियां सदैव रही हैं, और अधिकतर शिक्षक अपने इस दायित्व को सफलता पूर्वक निभा रहे हैं। वक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि समाज को भी शिक्षकों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। शिक्षा को केवल व्यवसाय या साधन नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का केंद्र बिंदु माना जाना चाहिए। इसके साथ ही, वर्तमान शिक्षा नीति को पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता भी व्यक्त की गई।