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एसडीएम ने सपा सांसद को नोटिस जारी किया

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समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बिना नक्शा पास कराए मकान निर्माण पर एसडीएम द्वारा नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 के तहत की गई है। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है।

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नोटिस का जवाब देने की समय सीमा तय

नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि सांसद को बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे तक जवाब देना होगा। यदि निर्माण कार्य नहीं रोका गया तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम ने कहा कि निर्माण कार्य नियमों के खिलाफ हो रहा है, इसलिए इसे तत्काल रोका जाए।

नियम उल्लंघन पर जुर्माना और सजा का प्रावधान

नोटिस में उल्लेख है कि बिना स्वीकृति के निर्माण कार्य चल रहा है, जो नियमों का उल्लंघन है। इस पर 10 हजार रुपये जुर्माना और सजा का प्रावधान है। साथ ही, जब तक निर्माण कार्य रोका नहीं जाएगा, प्रतिदिन 500 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी वसूला जाएगा।

जिलेभर में चल रहे निर्माण कार्यों की जांच

जिला अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि जिलेभर में चल रहे निर्माण कार्यों की निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि बिना नक्शा पास कराए कोई भी निर्माण कार्य नहीं होने दिया जाएगा। इसी के तहत सपा सांसद के मकान निर्माण पर नोटिस जारी किया गया।

सांसद का पक्ष: मकान निर्माण कार्य बंद

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि उन्हें प्रशासन की ओर से किसी नोटिस की जानकारी नहीं है। अगर नोटिस जारी हुआ है तो उसका जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि उनके मकान का निर्माण कार्य पिछले एक साल से बंद पड़ा है।

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नक्शा पास कराना क्यों है जरूरी?

उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 के अनुसार, किसी भी निर्माण कार्य से पहले नक्शा पास कराना आवश्यक है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि निर्माण कार्य नियमों और सुरक्षा मानकों के अनुसार हो रहा है। बिना स्वीकृति के निर्माण कार्य कानून का उल्लंघन माना जाता है।

प्रशासन की सख्ती और संभावित कार्रवाई

प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। सपा सांसद के मामले में भी यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो जुर्माना और अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

निष्कर्ष

यह घटना बताती है कि निर्माण कार्य में नियमों का पालन करना कितना जरूरी है। प्रशासन की सख्ती इस बात का प्रमाण है कि बिना स्वीकृति के निर्माण कार्य करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। कानून का पालन न केवल प्रशासनिक जरूरत है, बल्कि यह सुरक्षा और जिम्मेदारी का भी हिस्सा है।

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Aditya