साईं बाबा गायत्री मंत्र: श्रद्धा और सबूरी का दिव्य स्रोत

साईं बाबा गायत्री मंत्र
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साईं बाबा, जिनकी भक्ति दुनियाभर में श्रद्धा और सबूरी का प्रतीक मानी जाती है, उनका गायत्री मंत्र साधकों के लिए एक अलौकिक ऊर्जा का माध्यम है। यह मंत्र न केवल मानसिक शांति देता है बल्कि जीवन की कठिनाइयों को भी दूर करता है। इस लेख में हमSai Baba Gayatri Mantra के लिरिक्स, उसका जाप करने की विधि और लाभों की विस्तार से जानकारी देंगे।

गायत्री मंत्र

“ॐ श्री साईनाथाय विद्महे।
सचिदानन्दाय धीमहि।
तन्नः साईं प्रचोदयात्॥”

साईं बाबा का गायत्री मंत्र न केवल एक मंत्र है, बल्कि उनके दिव्य आशीर्वाद को पाने का एक माध्यम है। यदि आप सच्चे मन से इस मंत्र का जाप करेंगे, तो अवश्य ही साईं कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति और सफलता का संचार होगा। आइए, और भी भक्ति भाव से जुड़े विषयों के लिए पढ़ें: साईं बाबा आरती, साईं चालीसा, साईं बाबा व्रत कथा, और शिर्डी साईं बाबा भजन।

जाप की विधि

  • प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • साईं बाबा की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  • आसन पर बैठकर मन को शांत करें।
  • मंत्र का जाप कम से कम 9, 21, 51 या 108 बार करें।
  • जाप माला का उपयोग करें तो रुद्राक्ष या तुलसी की माला उपयुक्त मानी जाती है।
  • प्रत्येक दिन एक ही समय पर जाप करें, विशेषकर गुरुवार को।
  • अंत में साईं बाबा से अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना करें।

मंत्र के लाभ

  • मानसिक शांति और एकाग्रता में वृद्धि।
  • संकटों और बाधाओं से सुरक्षा।
  • साईं बाबा की कृपा से जीवन में चमत्कारिक अनुभव।
  • आध्यात्मिक प्रगति और आत्मिक बल में वृद्धि।
  • शुभ कार्यों में सफलता और जीवन में समृद्धि।
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