वृक्षारोपण महाभियान-2025 की तैयारियों हेतु समीक्षा बैठक आहूत

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वृक्षारोपण महाअभियान 01 जुलाई से शुरू होगा जो 15 अगस्त अर्थात स्वतंत्रता दिवस तक चलाया जायेगा: वन संरक्षक

ऑपरेशन सिंदूर की तर्ज पर की गई विशेष पहल के तहत इस वर्ष पूरे वाराणसी जिले में सिंदूर के पौधे लगाए जाएंगे

सहजन भंडारा नामक योजना के अन्तर्गत पर्यावरण संरक्षण हेतु निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे

वाराणसी। आज दिनांक 16 जून 2025 को वन विभाग द्वारा वाराणसी वृत्तए वाराणसी के कार्यालय स्थित सारंग सभागार में डॉ रवि कुमार सिंह वन संरक्षक वाराणसी वृत्तए वाराणसी की अध्यक्षता में आगामी वृक्षारोपण महाभियान-2025 की तैयारी की समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गयी जिसमें वन संरक्षक द्वारा आगामी वृक्षारोपण अभियान के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया गया।

वन संरक्षक द्वारा अवगत कराया कि वाराणसी में वृक्षारोपण महाअभियान 01 जुलाई से शुरू होगा जो 15 अगस्त अर्थात स्वतंत्रता दिवस तक चलाया जाएगा। वृक्षारोपण महाअभियान के अतिरिक्त विश्व योग दिवस, विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस, विश्व बाघ दिवस और जंगल महोत्सव सहित सभी महत्वपूर्ण दिवस उपस्थित सदस्यों तथा गैर सरकारी संगठनों एवं जनमानस की सक्रिय भागीदारी से मनाए जायेंगे।

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी वन विभाग वाराणसी द्वारा विशेष थीम पर आधारित वृक्षारोपण सम्बन्धी पहल किया गया है जिसके तहत लगाए गए पेड़ों के संरक्षण के लिए कुछ विशिष्ट वनों की स्थापना की जा रही है जैसे अटल वन, एकता वन, एकलव्य वन, ऑक्सी वन, शौर्य वन, गोपाल वन, त्रिवेणी वन, विरासत वृक्ष वाटिका, पवित्र धारा वृक्षारोपण, एक्सप्रेस वन, सहजन भण्डारा, खाद्य वन तथा ग्राम वन, मित्र वन, शक्ति वन, युवा वन, बालवन आदि। वन विभाग वाराणसी द्वारा इस वर्ष सहजन भंडारा नामक योजना के अन्तर्गत पर्यावरण संरक्षण हेतु निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे।

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इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर की तर्ज पर की गई विशेष पहल के तहत इस वर्ष पूरे वाराणसी जिले में सिंदूर के पौधे लगाए जाएंगे। खासकर शौर्य जंगल स्थल पर गंगा टास्क फोर्स वाराणसी को इस सम्बन्ध में नोडल नामित किया गया।

बैठक में सुश्री स्वाति प्रभागीय वनाधिकारी वाराणसी तथा विभिन्न सामाजिक तथा गैर सरकारी संगठनों की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गयी जिसमें सृजन सामाजिक संस्थांन, रोटरी क्लब, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इण्डिया, गंगा टास्क फोर्स, भारतीय वन्य जीव संस्थान, यंग इण्डिया सी०आई०आई०ए लोक भारती, स्यान फाउन्डेशन, भीरा फाउंडेशन, बृहस्पति फाउंडेशन, एफपीओ वेस इंडिया, वरुण सेवा ट्रस्ट, नमामि गंगे गंगा विचार मंच के सदस्य उपस्थित थे।