वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अब रामायण पर शोध होगा। इससे शोधार्थी प्रभु श्रीराम के जीवन आदर्शों व नैतिक मूल्यों के बारे में जान सकेंगे। भारत अध्ययन केंद्र में इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। कोर्स का प्रारूप कैसा होगा, इसमें क्या-क्या विषय होंगे, इस दिशा में मंथन किया जा रहा है। अभी तक रामायण पीजी कोर्स में एक पेपर के रूप में पढ़ाया जाता था।
भारत अध्ययन केंद्र की ओर से एमए इन हिंदू स्टडीज के रूप में दो साल का नियमित कोर्स 2021 में शुरू किया गया। 40 सीट वाले कोर्स में पहले साल 35 विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया था। 2022-23 और 2023-24 में 40-40 विद्यार्थियों का प्रवेश हुआ है। 16 पेपर वाले कोर्स का पांचवां पेपर रामायण है। महाभारत भी अलग पेपर के रूप में पढ़ाया जाता है।
केंद्र के समन्वयक प्रो. सदाशिव द्विवेदी का कहना है कि हर कोई राम को अपना आदर्श मानता है। बताया कि 100 नंबर के रामायण पेपर में रामायण, रामकथा, वैदिक आधार के साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम राम, रामायण में मानवीय, मानव प्रकृति संबंध में विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। इसमें बाल्मीकि रामायण समेत कई पाठ्य सामग्री को शामिल किया गया है।