वाराणसी। धर्म, अध्यात्म, संस्कृति, और शिक्षा की नगरी वाराणसी में इस साल सैलानियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। साल 2024 की पहली छमाही में यहां 4.61 करोड़ सैलानी पहुंचे, जो पिछले कई सालों के रिकॉर्ड से अधिक है। 2023 में पूरे साल यह संख्या लगभग 8.5 करोड़ थी।
काशी विश्वनाथ मंदिर यहां का मुख्य आकर्षण है, जहां भगवान शिव के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। हाल के वर्षों में बने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने भी सैलानियों की संख्या बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है। गंगा किनारे स्थित इस प्राचीन नगरी में गंगा स्नान, देव-दीपावली, और अन्य धार्मिक अवसरों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
मुख्य धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र
काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ-साथ काल भैरव और संकट मोचन मंदिर भी प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। इसके अलावा, मोक्षदायिनी गंगा में स्नान करना और घाटों पर होने वाली गंगा आरती भी सैलानियों को आकर्षित करती है। वाराणसी को “ज्ञान की नगरी” भी कहा जाता है, क्योंकि यहां स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पढ़ाई के लिए छात्रों को आकर्षित करता है।
सारनाथ का ऐतिहासिक महत्व
वाराणसी के पास स्थित सारनाथ भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। यहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक और शोधार्थी आते हैं।
उत्तर प्रदेश में पर्यटन का दबदबा
वाराणसी देश में सबसे ज्यादा सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनने वाले शहरों में शामिल हो गया है। अयोध्या के बाद यह उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे ज्यादा पर्यटक आने वाला स्थान बन गया है। साल 2024 की पहली छमाही में ही उत्तर प्रदेश में 33 करोड़ सैलानी पहुंचे, जिससे यह राज्य लगातार देश का शीर्ष पर्यटन स्थल बना हुआ है।