

उत्तर प्रदेश राज्य में कई पुरानी और जीर्ण-शीर्ण सार्वजनिक एवं निजी आवासीय और वाणिज्यिक संरचनाएँ है, जिनकी मरम्मत नहीं की जा सकती है, उन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। जब मरम्मत एक विकल्प नहीं है, तब पुनर्विकास ही एक मात्र समाधान बचता है। इस उद्देश्य हेतु वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा Uttar Pradesh Draft Redevelopment Policy तैयार कर शासन को प्रेषित की गयी थी एवं शासन स्तर पर उक्त पॉलिसी का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पुर्नविकास की आवश्यकता का संज्ञान लेते हुये प्रदेश में री-डेपलपमेन्ट (पुर्नविकास) पॉलिसी तैयार किये जाने हेतु सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया। समिति की प्रथम बैठक आज दिनांक 06 दिसम्बर, 2024 को आयोजित की गयी।
री-डेपलपमेन्ट (पुर्नविकास) पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य शहर में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में विद्यमान भवनों को उनके अधिकतम उपयोग के दृष्टिगत पूर्ण एफ०ए०आर० एवं अन्य मानको का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सकेगा। पॉलिसी के द्वारा शहर के मूलभूत सुविधाओं, सार्वजनिक सुविधाओं, निम्न आय वर्गो के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। री-डेवलपमेन्ट के माध्यम से वहाँ के अध्यासियों को उच्च गुववत्त का लाभ होने के साथ-साथ नए व्यवसाय के विकल्प भी सृजित किये जा सकेगें। साथ ही शहर का स्वरूप भी उच्च स्तर का हो सकेगा। इस पॉलिसी के माध्यम से न केवल सरकारी विभाग, बल्कि सोसाइटी/बिल्डर्स के माध्यमों से भी री-डेवलपमेन्ट की कार्यवाही की जा सकेगी। यह पॉलिसी संयुक्त भू-स्वामित्व वाली सम्पतियों को सीधे तौर पर लाभान्वित करेगी। पुर्नविकास के समयावधि के अन्तर्गत वहाँ निवास कर रहे लोगों को एक वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराने के प्राविधान किये गये है। साथ ही अन्य कई इनसेंटिव दिये जाने पर भी चर्चा हुयी। उक्त पॉलिसी के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार का 1 ट्रिलियन डालर इकोनॉमी का विजन को सकार करने Activate Wind
में सहायक होगा।