
राम के सेवक हैं जो, वो राम का ध्यान धरे यह पंक्ति भक्तिरस में डूबे हर हृदय की पुकार है। हनुमानजी की भक्ति में जो मन लगाता है, उसका जीवन श्रीराम के आशीषों से भर उठता है। यह पंक्ति हर भक्त को यह स्मरण कराती है कि प्रभु तक पहुँचने का सच्चा मार्ग उनके परम सेवक, पवनसुत हनुमानजी से होकर जाता है।
Raam Ke Sevak Hain Jo , Vo Raam Ka Dhyaan Dhare Bhagato Kee Jholee Ye , Hanumat Hee To Bhare
दोहा – पवन तने संकट हरन मंगल मुर्ति रुप
राम लखन सीता सहित हदय बसहु सुर भूप
तरज – सावरे से मिलने का सतसग बहाना है
राम के सेवक हैं जो , वो राम का ध्यान धरे
भगतो की झोली ये , हनुमत ही तो भरे
रावण की लंका तो हनुमत ही जलाये थे
पर्वत उठाकर तो ये लखन जीलाये थे
हमारी हर विपदा को बालाजी दूर करे
भगतो की झोली ये , हनुमत ही तो भरे
बिच सभा में जब माला ये तोङी थी
राम लखन सीता की दिखाई जोङी थी
हमारे कष्टो को मारुति दूर करे
भगतो की झोली ये , हनुमत ही तो भरे
भगतो की झोली ये, हनुमत ही तो भरे में उस गहन सत्य का बोध होता है कि कृपा बरसाने वाले स्वयं महाबली हनुमान हैं। उनकी शरण में आकर भक्त भय, दुख और कष्टों से मुक्त हो जाता है। हनुमत का नाम लेने से जीवन में साहस, शक्ति और विश्वास का संचार होता है और हर हृदय प्रभु राम की भक्ति से परिपूर्ण हो जाता है।

