


चंदौली के डीडीयू मंडल में रेलवे के पेपर लीक का बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें प्रमोशन परीक्षा के पेपर को 6 से 9 लाख रुपये में बेचने का आरोप है। यह जानकारी सीबीआई को मिली और उन्होंने दो अधिकारियों समेत 26 रेलकर्मियों को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है और आरोपियों से 1.17 करोड़ रुपये की भारी रकम बरामद की है।

घटनाक्रम:
डीडीयू नगर में मंगलवार को लोको पायलट प्रमोशन परीक्षा होनी थी, जिसमें 17 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। आरोप है कि रेलवे के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने परीक्षा के प्रश्नपत्र को 6 से 9 लाख रुपये लेकर अभ्यर्थियों को मुहैया कराया। इस मामले की शिकायत सीबीआई को मिली, जिसके बाद सीबीआई ने छापेमारी की।
सीबीआई ने लोको पायलटों के ठहरने वाले स्थानों और अधिकारियों के घरों पर रेड मारी और 26 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें दो बड़े अफसर भी शामिल हैं। आरोपियों से न केवल परीक्षा के पेपर बरामद किए गए, बल्कि 1.17 करोड़ रुपये की रकम भी बरामद हुई।
मुख्य आरोपी और बरामदी:
- सीबीआई ने संजय मिश्रा, सुशांत परासर, सुरजीत सिंह सहित अन्य अधिकारियों को गिरफ्तार किया।
- सीबीआई की टीम ने इन आरोपियों के घरों से लाखों रुपये और परीक्षा के पेपर बरामद किए।
- आरोपी रेलवे कर्मचारियों को नंबरों से संबोधित कर पूछताछ की गई।
अधिकारी की संलिप्तता:
रेलवे के कार्मिक विभाग के बाबू संजय मिश्रा की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है, जबकि डीईई (ऑपरेशन) सुशांत परासर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नाम भी मामले में सामने आए हैं।
रेड और गिरफ्तारी:
सीबीआई ने बुलेट बाइक से छापेमारी की, जिससे आरोपी बिना किसी संदेह के पकड़े गए। इस रैकेट में 1 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ था, और आरोपियों से इन पैसों का बड़ा हिस्सा बरामद हुआ।
सीबीआई की कार्रवाई:
सीबीआई ने इस मामले में अब तक 6 FIR दर्ज की हैं और 26 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है, और सीबीआई टीम ने सभी को लखनऊ ले जाकर पूछताछ की है।
कुल मिलाकर, यह कार्रवाई रेलवे के भ्रष्टाचार और पेपर लीक के इस बड़े रैकेट को उजागर करती है, जिससे कई बड़े अफसरों और कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है।