लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश के संभल जिले जाने की इजाजत नहीं मिलने पर उनका काफिला दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर (यूपी गेट) से वापस लौट गया। राहुल गांधी संभल में एक कार्यक्रम में भाग लेने वाले थे, लेकिन प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें अनुमति नहीं दी।
वापस लौटने से पहले राहुल गांधी ने गाजीपुर बॉर्डर पर जमा हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस जनता के हक के लिए लड़ती रहेगी। राहुल ने कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि पार्टी हमेशा गरीब, किसान और मजदूरों के साथ खड़ी रहेगी।
राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार जानबूझकर विपक्ष की आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस ने प्रशासन के इस कदम की आलोचना की और इसे अलोकतांत्रिक बताया।
कार्यकर्ताओं के उत्साह और राहुल गांधी के संदेश से साफ जाहिर हुआ कि पार्टी इस मुद्दे को लेकर संघर्ष करने के लिए तैयार है। हालांकि, राहुल गांधी को संभल न जाने देने के फैसले ने राजनीतिक गलियारों में गर्मा-गर्मी बढ़ा दी है। यह घटना उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक रणनीतियों की झलक भी पेश करती है।