नगर पालिका द्वारा स्वीपिंग मशीन की खरीदारी पर सवाल उठ रहे हैं। करीब 12 साल पहले भी ऐसी ही मशीन खरीदी गई थी, लेकिन वह कुछ ही दिनों में खराब हो गई थी और पालिका के लाखों रुपए बर्बाद हो गए थे। लोगों का सवाल है कि पुराने मामले से सबक न लेते हुए, पालिका ने फिर से वही गलती क्यों दोहराई। हाल ही में खरीदी गई नई स्वीपिंग मशीन भी केवल डेढ़ महीने में खराब हो गई।
जीटी रोड की सफाई के लिए नगर पालिका ने 25 लाख रुपए खर्च कर नई स्वीपिंग मशीन मंगवाई थी। हालांकि, मशीन की खराब क्वालिटी या जीटी रोड की हालत के कारण, मशीन ने सिर्फ डेढ़ महीने में ही काम करना बंद कर दिया। वर्तमान में, यह मशीन नगर पालिका के गैराज में खड़ी है और इसे देख कर लगता है कि इसका भी हाल पुरानी मशीन की तरह हो सकता है।
नगर पालिका क्षेत्र की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई है। शहर के प्रमुख मार्ग जीटी रोड पर धूल की मोटी परत जमी हुई है। मशीन की बेल्ट खराब होने की वजह बताई जा रही है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मशीन में कई और भी गड़बड़ियां हैं। इस वजह से यह मशीन पालिका के गैराज में पड़ी है। बड़ी सड़कों की सफाई के लिए मंगाई गई यह मशीन जीटी रोड की हालत को सहन नहीं कर पाई और अब यह बेकार पड़ी हुई है।
नगर पालिका को इस मामले में पुरानी गलतियों से सबक लेकर ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि जनता के पैसे का सही उपयोग हो सके और सफाई व्यवस्था में सुधार हो सके।
चंदौली ब्यूरो चीफ गणपत राय की रिपोर्ट