पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर जी का त्रिशताब्दी जयंती महोत्सव

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माननीय मंत्री ने लोकमाता अहिल्याबाई के जन्म से मरण तक के पुत्री, पत्नी, माँ, महारानी तथा माता के रूप में उनके जीवन आदर्शों को भी सभी के सामने रखा

उन्होंने धर्मशालाएं, कुएं खुदवाना, सराय बनवायी, विधवा विवाह, सती प्रथा का विरोध करते हुए महारानी अहिल्याबाई ने समाज सुधार के प्रति अनेकों कार्य किये

सेवा तथा सम्मान का गुण ही सामने वाले को प्रभावित कर सकता है: प्रभारी मंत्री

महिलाओं के उत्थान हेतु संसद तथा विधानसभा में 33% आरक्षण भी दिया गया: संसदीय कार्य मंत्री

प्रधानमंत्री के प्रयासों का ही नतीजा है कि भारत ने 21 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण विदेशों को भेजे: वित्त मंत्री

कठिन परिस्थितियों में भी अहिल्याबाई ने हार न मानते हुए महिलाओं के उत्थान सती प्रथा विरोध, विधवा विवाह, संपत्ति अधिकार के लिए लड़ाई लड़ते हुए महिलाओं को उनका हक दिलाया: जिला पंचायत अध्यक्ष

माता अहिल्याबाई होल्कर गरीब परिवार में जन्मी लेकिन परिस्थितियों से लड़ते हुए भी आगे बढ़ीं: एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा

वाराणसी। रुद्राक्ष कनेक्शन सेंटर में जिला पंचायत, वाराणसी द्वारा लोकमाता अहिल्याबाई के त्रिशताब्दी जयन्ती के अवसर पर आयोजित पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में मा0 मंत्री वित्त एवं संसदीय कार्य, उत्तर प्रदेश तथा जनपद के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि द्वारा कार्यक्रम में बोलते हुए कहा गया कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद वीरबाल दिवस, संविधान दिवस, महारानी अहिल्याबाई होल्कर जन्मदिवस मनाना शुरू हुआ जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रति आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों का ही नतीजा है कि भारत ने 21 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण विदेशों को भेजे। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान हेतु संसद तथा विधानसभा में 33% आरक्षण भी दिया गया। आज भारत विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने महारानी अहिल्याबाई के जन्म से मरण तक के पुत्री, पत्नी, माँ, महारानी तथा माता के रूप में उनके जीवन आदर्शों को भी सभी के सामने रखा। उन्होंने राजा मल्हार राव तथा अहिल्याबाई के मुलाकात जिस समय उनका जन्म मात्र 9 साल का था लेकिन उनकी भगवान शिव की उनकी भक्ति ने राजा को प्रभावित किया तथा उन्होंने उनको अपनी पुत्रबहु के रूप में चुना। उन्होंने कहा कि उनको अनुशासन तथा धर्मपरायणता उनके परिवार से मिली थी। किसी भी मनुष्य का सेवा तथा सम्मान का गुण ही सामने वाले को प्रभावित कर सकता है और यही गुण महारानी अहिल्याबाई होल्कर में था। उन्होंने मल्हार राव जी की 52 लड़ाइयों में भी प्रमुख भूमिका निभाई। मालेराव तथा मुक्ताबाई उनके पुत्र तथा पुत्री थीं। 1767 में अपने पुत्र मालेराव की मृत्यु के बाद गद्दी संभाली और मालवा साम्राज्य को आगे तक फैलाया। भगवान शिव के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा थी। उन्होंने न्याय के संबंध में उनकी अपने पुत्र को दी गयी सजा की भी बात कही गयी। उन्होंने धर्मशालाएं, कुएं खुदवाना, सराय बनवायी, विधवा विवाह, सती प्रथा का विरोध करते हुए महारानी अहिल्याबाई ने समाज सुधार के प्रति अनेकों कार्य किये। उन्होंने उनके वाक्य अंग्रेजों से संधि भालू के समान है का भी चरितार्थ सुनाया। उन्होंने उनकी जीवन शैली को सभी को अनुसरण करने को कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी धन्यवाद दिया कि उन्होंने अहिल्याबाई के त्रिशताब्दी जन्म दिवस से संबंधित अनेकों सभाओं में पहुँचकर लोगों को अहिल्याबाई के संघर्षों को सबके सामने रखा। अंत में उन्होंने कहा:-

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कुछ लोग थे कि वक़्त के सांचों में ढल गये।
कुछ लोग थे जो वक़्त के सांचे बदल गये।।

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पूनम मौर्य द्वारा अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए महारानी अहिल्याबाई होल्कर के विभिन्न रूपों जिसमें एक नन्ही सी बालिका रानी बनकर राज की तथा जीवन के अंत में माता बनकर उन्होंने जिया। उन्होंने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा की जीवन के कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने हार न मानते हुए महिलाओं के उत्थान सती प्रथा विरोध, विधवा विवाह, संपत्ति अधिकार के लिए लड़ाई लड़ते हुए महिलाओं को उनका हक दिलाया तथा मालवा पर राज भी किया। उन्होंने मंदिरों, घाटों तथा पर्यावरण, जल संरक्षण के लिए बहुत कार्य किये। माता अहिल्याबाई द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्विकास का भी कार्य कराया गया। उनका जीवन महिलाओं के उत्थान हेतु अदम्य नारी शक्ति का परिचय दिया। माननीय प्रधानमंत्री भी महारानी अहिल्याबाई होल्कर को अनुसरण करते हुए विभिन्न योजनाओं को महिलाओं के उत्थान हेतु लागू करते रहते हैं।

एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा गया की 31 मई 1725 को महारानी अहिल्याबाई का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर गरीब परिवार में जन्मी लेकिन परिस्थितियों से लड़ते हुए भी आगे बढ़ीं। उनके जीवनकाल को देखते हुए ही आज पूरे देश में सरकार द्वारा उनकी 300 वीं जयंती मनायी जा रही है।

कार्यक्रम की शुरुआत में प्रभारी मंत्री द्वारा दीप प्रज्वलन के उपरांत माँ अहिल्याबाई के चित्र पर माल्यार्पण करके कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पूनम मौर्य द्वारा मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ तथा पौधे देकर स्वागत किया गया।

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कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल द्वारा दिया गया तथा प्रभारी मंत्री को अपने व्यस्त कार्यक्रमों में से लगातार बनारस को समय देने के लिए धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में महापौर अशोक तिवारी, विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, राय धर्मेंद्र सिंह, विधायक डॉ अवधेश सिंह, त्रिभुवन राम, सौरभ श्रीवास्तव, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि तथा कार्यक्रम के आयोजक के रूप में संजय सोनकर समेत जिले के विभिन्न ग्रामों के प्रधान तथा बीडीसी सदस्य उपस्थित रहे।