पृथ्वी गायत्री मंत्र: जीवन में स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत

पृथ्वी गायत्री मंत्र
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हमारे प्राचीन वेदों और ऋचाओं में मंत्रों का विशेष महत्व बताया गया है। इन्हीं में से एक है पृथ्वी गायत्री मंत्र, जो न केवल हमें पृथ्वी माता के प्रति कृतज्ञता जताने का माध्यम है, बल्कि यह मंत्र जीवन में स्थिरता, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा लाने में भी सहायक होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि पृथ्वी गायत्री मंत्र क्या है, इसका जाप कैसे करें (विदि), इसके क्या लाभ हैं, और क्यों आज के समय में भी यह मंत्र अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

पृथ्वी गायत्री मंत्र

ॐ पृथिव्यै च त्वं धरण्यै च नमः।

या

ॐ भूः भूवः स्वः, पृथ्वी देवि नमस्तुभ्यम्।

पृथ्वी गायत्री मंत्र न केवल एक आध्यात्मिक साधना है, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन, स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा लाने का एक प्रभावशाली माध्यम भी है। जो साधक इस मंत्र का नित्य जाप करते हैं, वे मानसिक और आत्मिक शांति को अनुभव करते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में सुख-शांति और संतुलन चाहते हैं, तो इस मंत्र को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। आप चाहें तो इससे जुड़े अन्य शक्तिशाली मंत्र भी पढ़ सकते हैं जैसे — “भूमि स्तुति मंत्र”, “वास्तु शुद्धि मंत्र”, “पंचतत्व संतुलन मंत्र” और “धरणी नमः मंत्र”। ये सभी मंत्र आपके जीवन को प्राकृतिक ऊर्जा और शुद्धता से भर देंगे।

मंत्र जाप की विधि

  1. पृथ्वी गायत्री मंत्र का जाप करते समय शुद्धता और श्रद्धा का विशेष ध्यान रखना चाहिए:
  2. सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद किसी शांत स्थान पर आसन लगाएं।
  3. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  4. पृथ्वी माता का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप कम से कम 11, 21 या 108 बार करें।
  5. जाप के दौरान मन में यह भाव रखें कि आप पृथ्वी माता की ऊर्जा को आत्मसात कर रहे हैं।
  6. अगर संभव हो तो मंत्र जाप के बाद किसी पेड़ को जल अर्पित करें या भूमि पर हल्का सा जल छिड़कें, यह पृथ्वी को धन्यवाद देने का प्रतीक होता है।
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मंत्र जाप के लाभ

  • मानसिक स्थिरता:
    इस मंत्र का नियमित जाप मन को शांति और स्थिरता देता है। तनाव और चिंता से राहत मिलती है।
  • पृथ्वी तत्व की ऊर्जा:
    पंचतत्वों में से पृथ्वी तत्व शरीर को आधार और मजबूती प्रदान करता है। इस मंत्र से यह तत्व संतुलित होता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा:
    पृथ्वी गायत्री मंत्र का प्रभाव वातावरण से नकारात्मकता को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
  • पर्यावरण और प्रकृति के प्रति जुड़ाव:
    यह मंत्र हमें पर्यावरण की महत्ता और पृथ्वी माता के प्रति कृतज्ञता का भाव सिखाता है, जिससे हम प्रकृति के प्रति अधिक जागरूक बनते हैं।