
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के केंद्रीय कार्यालय के सामने पीएचडी में दाखिले की मांग को लेकर छात्रा अर्चिता सिंह पिछले पांच दिनों से धरने पर बैठी हुई है। अर्चिता का कहना है कि प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय की आवश्यकता है। उसकी मांगों को लेकर अब विश्वविद्यालय परिसर में माहौल गर्म होता जा रहा है।
आज अर्चिता से मिलने दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोषी शुक्ला पहुंचीं। उन्होंने अर्चिता के साहस और संघर्ष की सराहना करते हुए कहा कि योग्य छात्रों को उनका हक मिलना ही चाहिए और महिला छात्रों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर समाधान निकाला जाए।
संतोषी शुक्ला ने यह भी कहा कि यदि अर्चिता की मांगों को जल्द नहीं सुना गया, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर ले जाया जाएगा। इस बीच छात्रों और सामाजिक संगठनों का भी समर्थन अर्चिता को मिल रहा है, जिससे यह मुद्दा अब और तेजी से तूल पकड़ता नजर आ रहा है।

