प्रयागराज में नए साल के अवसर पर आयोजित होने जा रहे महाकुंभ मेला को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस वर्ष, विशेष रूप से उत्तर भारत के विभिन्न शहरों से हजारों श्रद्धालुओं के महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में रेलवे ने श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए विशेष ट्रेन सेवाओं की शुरुआत की योजना बनाई है। इन ट्रेनों का संचालन महाकुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, जिससे उन्हें स्नान और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने में कोई कठिनाई न हो।
50 हजार श्रद्धालुओं की दैनिक यात्रा का अनुमान
महाकुंभ के दौरान, विशेष रूप से जनवरी 2025 में, रोजाना लगभग 50 हजार श्रद्धालुओं के प्रयागराज जाने की संभावना है। इस बड़ी संख्या को देखते हुए रेलवे मंत्रालय ने तैयारियां तेज कर दी हैं और स्पेशल ट्रेन सेवाओं का प्रस्ताव भेजा गया है। इन ट्रेनों का संचालन उत्तर-पश्चिम रेलवे, वेस्टर्न रेलवे और नॉर्थ सेंट्रल रेलवे द्वारा किया जाएगा, जिनमें प्रमुख रूप से राजस्थान, गुजरात और मध्य भारत के शहरों से श्रद्धालुओं को लाने के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के निर्देश पर रेलवे बोर्ड के विभिन्न विभागों ने इन विशेष ट्रेनों के संचालन के लिए बैठकें शुरू कर दी हैं और इनकी मंजूरी प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। विभिन्न जोनल रेलवे ने भी महाकुंभ के दौरान ट्रेन ऑपरेशन के लिए योजनाएं तैयार की हैं, जो सर्दी और भीड़-भाड़ के मौसम में भी श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करेंगी।
स्पेशल ट्रेनों के रूट और संचालन की योजना
उत्तर-पश्चिम रेलवे द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार, दो प्रमुख ट्रेनें पहले ही सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त कर चुकी हैं। इनमें से एक ट्रेन उदयपुर से धनबाद के लिए वाया जयपुर, बांदीकुई, भरतपुर, आगरा चलने वाली है। दूसरी ट्रेन बाड़मेर से बरौनी के लिए वाया जोधपुर, जयपुर, बांदीकुई और आगरा चलेगी। दोनों ट्रेनें चार-चार ट्रिप के साथ जनवरी के पहले हफ्ते से चलनी शुरू हो जाएंगी। इन ट्रेनों को विशेष रूप से महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए चलाया जाएगा।
इसके अलावा, वेस्टर्न रेलवे ने भी विशेष ट्रेनों का प्रस्ताव भेजा है, जिनमें साबरमती से बनारस, राजकोट से बनारस, भावनगर से बनारस, और वेरावल से बनारस के लिए ट्रेनें शामिल हैं। ये ट्रेनें भी जनवरी के मध्य से शुरू हो सकती हैं। साथ ही, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे की ओर से भी लगभग 5 स्पेशल ट्रेनें वाया जयपुर चलाई जाएंगी। इन ट्रेनों का उद्देश्य श्रद्धालुओं को समय पर और सुरक्षित तरीके से महाकुंभ पहुंचाने के साथ-साथ उनकी यात्रा को आरामदायक बनाना है।
महाकुंभ के लिए रेलवे की विस्तृत योजना
महाकुंभ मेले के दौरान रेलवे द्वारा संचालित की जाने वाली इन स्पेशल ट्रेनों की एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं के यात्रा अनुभव को सहज और सुरक्षित बनाना है। रेलवे बोर्ड की टीम इन ट्रेनों की टाइमिंग, रूट और सुविधाओं को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रही है। ट्रेनें जिन रूट्स पर चलेंगी, वे पूरी तरह से श्रद्धालुओं के आवागमन को देखते हुए तय किए गए हैं।
रेलवे के एक ट्रेन ऑपरेशन एक्सपर्ट, आशीष पुरोहित के अनुसार, इन स्पेशल ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित करने के लिए कई स्तरों पर समन्वय किया गया है। उनके अनुसार, महाकुंभ के दौरान ट्रेनों के संचालन को लेकर यात्रियों की सुरक्षा और आराम को सर्वोत्तम प्राथमिकता दी जाएगी।
कुंभ मेले के दौरान यात्रा अनुभव को सुविधाजनक बनाने के उपाय
महाकुंभ के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का निर्णय केवल श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को सुगम बनाने के लिए नहीं लिया गया है, बल्कि इससे रेलवे प्रशासन को भी भीड़-भाड़ से निपटने में मदद मिलेगी। रेलवे ने अपने कर्मचारियों और ट्रेन संचालन से जुड़े सभी जिम्मेदार अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया है, ताकि वे महाकुंभ के दौरान यात्रियों के लिए प्रभावी रूप से काम कर सकें। इसके अलावा, यात्रियों को ट्रेन के भीतर और स्टेशन पर बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक तैयारी की गई है।
इस दौरान, रेलवे स्टेशनों पर विशेष काउंटरों और हेल्पडेस्क की व्यवस्था की जाएगी, जहां श्रद्धालुओं को यात्रा से संबंधित सभी जानकारी मिल सकेगी। साथ ही, कुंभ मेले के दौरान विशेष सुरक्षा व्यवस्था भी लागू की जाएगी, ताकि किसी भी स्थिति में यात्रियों को कोई असुविधा न हो।
महाकुंभ यात्रा की सफलता के लिए रेलवे का समर्पण
रेलवे की इस पहल से महाकुंभ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं को अतिरिक्त आराम मिलेगा और उनकी यात्रा को सुगम बनाने में मदद मिलेगी। रेलवे बोर्ड और अन्य संबंधित अधिकारियों का मानना है कि यह विशेष ट्रेन सेवा न केवल महाकुंभ के दौरान यात्रा को बेहतर बनाएगी, बल्कि यह भविष्य में अन्य बड़े मेलों और धार्मिक आयोजनों के लिए एक आदर्श उदाहरण भी स्थापित करेगी।
इन ट्रेनों का संचालन न केवल एक यात्रा के साधन के रूप में होगा, बल्कि यह भारतीय रेलवे की क्षमता और समर्पण को भी प्रदर्शित करेगा, जो प्रत्येक यात्री की यात्रा को सुरक्षित और सुखद बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहता है।