भारतीय सनातन परंपरा में अनेक शक्तिशाली देवियों की उपासना की जाती है, जिनमें से एक अत्यंत रहस्यमयी और प्रभावशाली देवी हैं प्रत्यंगिरा देवी। यह देवी तंत्र बाधाओं, काले जादू, नज़र दोष और शत्रु बाधा को नष्ट करने वाली आदिशक्ति का रूप मानी जाती हैं। आज के इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे Pratyangira Devi Gayatri Mantra के चमत्कारी प्रभाव, उसकी विधि और उससे मिलने वाले लाभों को। यह लेख पूरी श्रद्धा और सरल भाषा में लिखा गया है ताकि आप इसे सहजता से समझ सकें और अपने जीवन में लागू कर सकें।
Gayatri Mantra
“ॐ प्रत्यंगिरायै विद्महे,
शक्तिहस्तायै धीमहि,
तन्नो देवी प्रचोदयात्।”
Pratyangira Devi Gayatri Mantra एक दिव्य और रहस्यमयी साधना है जो न केवल आपकी बाहरी सुरक्षा करती है, बल्कि अंदर से भी आपको शक्तिशाली बनाती है। यह मंत्र तांत्रिक उपायों और कालिमा से रक्षा प्रदान करता है, और साधक को तेजस्वी और निर्भीक बनाता है। अगर आपको यह लेख लाभकारी लगा हो, तो आप काल भैरव गायत्री मंत्र, त्रिपुरा भैरवी मंत्र, शिव रक्षा स्तोत्र तथा काली गायत्री मंत्र भी अवश्य पढ़ें और उनके माध्यम से अपनी साधना को और अधिक सशक्त बनाएं।
विधि
1. शुद्धता और स्थान का चयन: मंत्र जाप के लिए प्रातःकाल का समय श्रेष्ठ होता है। घर के किसी शांत और पवित्र स्थान पर आसन लगाएं। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. दीप और धूप: देवी प्रत्यंगिरा की प्रतिमा या चित्र के सामने एक दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें। यदि संभव हो तो नीले या काले पुष्प चढ़ाएं।
3. जाप संख्या: इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। यदि किसी विशेष तंत्र बाधा से मुक्ति चाहिए तो 11,000 या 21,000 बार जाप विशेष फलदायक माना गया है।
4. नियम और संयम: मंत्र जाप करते समय मन और वाणी की पवित्रता बनाए रखें। सात्विक भोजन लें और व्रत का पालन करें। मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और श्रद्धा से करें।
लाभ
1. तांत्रिक और शत्रु बाधा से मुक्ति:
यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली तांत्रिक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। इससे काले जादू, नजर दोष और शत्रुओं की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
2. मानसिक और आत्मिक शांति:
इस मंत्र के नियमित जाप से भय, चिंता और क्रोध जैसी नकारात्मक भावनाएं शांत होती हैं। साधक के भीतर आत्मबल और स्थिरता आती है।
3. आध्यात्मिक जागरण:
प्रत्यंगिरा देवी की कृपा से साधक का चित्त एकाग्र होता है और आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होता है।
4. जीवन में सुरक्षा और विजय:
जो व्यक्ति इस मंत्र का पूर्ण श्रद्धा से जाप करता है, उसके जीवन में संकट और बाधाएं पास नहीं आतीं। देवी उसे विजयी और निर्भीक बनाती हैं।