महापर्व छठ पूजा के मौके पर व्रतधारी महिलाओं ने बुधवार को नदी, तालाबों, सरोवरों और नहरों के किनारे छठ पूजा के लिए विशेष बेदी बनाकर दीप, धूप और फूलमाला चढ़ाकर घाट का पूजन-अर्चन किया। यह पूजन सूर्य देवता की उपासना के रूप में किया गया, जो इस पर्व का अभिन्न हिस्सा है। पूजा में विशेष रूप से संतान सुख, पारिवारिक समृद्धि, और आत्मशुद्धि की कामना की जाती है।
छठ पूजा का महत्व
सूर्य देवता की पूजा के साथ-साथ इस पर्व में प्रकृति और पर्यावरण के साथ सामंजस्य की भावना भी समाहित है। व्रतधारी महिलाएं इस दौरान अपने परिवार के कल्याण और सुख-शांति के लिए अर्घ्य अर्पित करती हैं। बुधवार को घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया, जबकि गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह पर्व सम्पन्न होगा।
स्थानीय स्तर पर पूजा
डिग्गी खझरा, इमिलिया, घेाषवा, सीकठा, रैथा, जनौली, सिलौटा सहित दर्जनों गांवों में स्थित तालाबों, सरोवरों और नदी किनारे व्रतधारी महिलाएं एकत्रित हुईं और पूरी श्रद्धा के साथ घाट पर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। महिलाएं इस दौरान पारंपरिक परिधान में गाती-बजाती हुईं घाट तक पहुंची और सूर्य देवता से पारिवारिक सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। यह दृश्य सचमुच अत्यंत पवित्र और भक्तिमय था, जिसमें न केवल धार्मिक आस्था का प्रतिबिंब था, बल्कि आत्मा की शुद्धि और समाज के प्रति समर्पण की भावना भी दिखाई दी।
चार दिवसीय पर्व
छठ पूजा का पर्व चार दिन चलता है, जिसमें पहले दिन नहाय-खाय के बाद व्रति महिलाएं उपवास रखकर दूसरे दिन खरना करती हैं। तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है, और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर यह महापर्व संपन्न होता है। इस दौरान महिलाओं द्वारा व्रत रखना और सूर्य पूजा का महत्व अत्यधिक होता है, क्योंकि यह उनके भक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
सामाजिक और आध्यात्मिक संदेश
छठ पूजा सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह समाज में भाईचारे और समानता का भी संदेश देती है। इस दिन महिलाएं एकजुट होकर एक ही लक्ष्य के लिए पूजा करती हैं, जिससे सामाजिक समरसता बढ़ती है। यह पर्व प्रकृति के साथ संतुलन और सामंजस्य का प्रतीक भी है, जिसमें जल, सूर्य और व्रति का विशेष महत्व होता है।
समाप्ति की ओर
गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन होगा। इस दौरान व्रति महिलाएं सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति की कामना करती हैं। पूरे देशभर में छठ पूजा के इस पर्व का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है, और यह पर्व हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है।
इस महापर्व का आयोजन न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज और परिवार के बीच एकता और प्रेम को बढ़ावा देने वाला एक अभूतपूर्व अवसर है।