न्यूज़ डेस्क-सोनाली पटवा.
चंदौली जिले में मुहर्रम की मजलिसों का दौर मंगलवार को नवीं मुहर्रम के साथ खत्म हो गया। बुधवार को दसवीं मुहर्रम के दिन नगर के ताजिए करबला में दफ्न कर दिए जाएंगें। अजाखाना ए रजा की आखिरी मजलिस में मौलाना अली कबीर हुसैनी ने रसूल के खुतबों के जरिए इमाम हुसैन की कुर्बानी की दास्तान पेश की और सभी धर्मों में सामंजस्य की वकालत की।
नवीं तारीख के मसायबी नौहे पढ़ते हुए मौलाना ने इमाम की बहन जैनब की कुर्बानी की दास्तान पेश की, जिन्होंने करबला के मैदान में इमाम हुसैन के शहीद होने के बाद रसूल के कुनबे को समेटने का काम किया और यजीद से लोहा लिया। मजलिस के आखिरी दिन देश की सलामती और सद्भाव के लिए दुआ मांगी गई।
लखनऊ से आए शायर वकार सुल्तानपुरी ने सोज के जरिए इमाम हुसैन की शहादत की दास्तान बयान की। मजलिस के बाद सिंकदरपुर और नगर के तमाम अज़ादारों ने नौहाख्वानी और मातमजनी की। अजाखाना ए रज़ा के प्रबंधक डॉक्टर गज़न्फर इमाम ने मजलिस-ए-अशरा के सकुशल पूरे होने पर पुलिस और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि बुधवार की सुबह अजाखाने के ताजिए और फूल को बिछिया स्थित करबला में दफ्न किया जाएगा।