वाराणसी। भैरव अष्टमी के पावन अवसर पर बुधवार को बाबा कालभैरव का प्राकट्योत्सव भव्य रूप से मनाया गया। मान्यता है कि वर्ष में केवल इसी दिन बाबा भक्तों को एक घंटे के लिए बाल रूप में दर्शन देते हैं। रात 12 से 1 बजे तक भक्तों ने बाल रूप में बाबा के दर्शन किए और मंदिर परिसर “जय भैरव बाबा” के जयघोष से गूंज उठा।
इस मौके पर बाबा को नवीन त्रिशूल, दंड और मुखौटा धारण कराया गया। सवा लाख बत्तियों से की गई महाआरती ने माहौल को दिव्य बना दिया। पं. शिव प्रसाद पांडेय के आचार्यत्व में अभिनाश पांडेय सूट्टू महाराज और कल्लू महाराज ने बाबा का नूतन वस्त्र, आभूषण, रुद्राक्ष और सिंदूर से विशेष श्रृंगार किया। मंगला आरती के साथ ही भक्तों के लिए दर्शन प्रारंभ हुए।
बटुक भैरव और लाट भैरव मंदिरों में भी अन्नकूट और रुद्राक्ष श्रृंगार हुआ। कुछ स्थानों पर भक्तों ने बाबा को केक का भोग लगाकर अनोखी भक्ति दिखाई। तांत्रिक विधि से चल रहे अखंड संकीर्तन की पूर्णाहुति भी की गई।
बड़ी पियरी स्थित प्राचीन बाबा कालभैरव मंदिर में तीन दिवसीय कालभैरव महोत्सव का आयोजन जारी है। दूसरे दिन महंत राजेश्वरानंद सरस्वती के आचार्यत्व में अभिषेक और पूजन संपन्न हुआ। लक्ष्मी घाट धौसाबाद में श्री बाबा कालभैरव सेवा समिति द्वारा विशेष श्रृंगार किया गया, जहां राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल समेत कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।
श्रीलाट भैरव काशी यात्रा मंडल की ओर से भैरव प्रदक्षिणा यात्रा निकाली गई। रामबाग में नगरवधुओं ने बाबा के चरणों में नमन किया। इस दौरान विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, रोहित जायसवाल, बसंत सिंह राठौर और छोटेलाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
