
इलिया के बुद्ध स्थल घूरहुपुर में आयोजित एक जनसभा में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने विभिन्न मुद्दों पर जनता को संबोधित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठित रोहिणी आयोग का जिक्र किया, जिसके तहत पूरे देश में 27% आरक्षण लागू कर पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग को इसका लाभ देने की योजना है।

उन्होंने घोषणा की कि प्रदेश में जीरो पॉवर्टी योजना को लागू किया जाएगा, जो गरीबों, वंचितों और शोषितों के विकास के लिए तैयार की गई है। इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है और सर्वेक्षण के बाद इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।
महिलाओं के लिए 33% आरक्षण और राजनीति में भागीदारी का आह्वान
राजभर ने इस दौरान महिलाओं के लिए 33% आरक्षण को चुनावों में लागू करने की भी घोषणा की, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने महिलाओं को राजनीति में भागीदारी निभाने की अपील करते हुए कहा कि महिला शिक्षा में ज्योतिबा फुले का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि अगर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में अधिकार न दिए होते, तो समाज के पिछड़े वर्ग के लोग आज सत्ता में नहीं होते।
गरीबों के लिए रोजगार और शौचालय निर्माण पर फोकस
मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में गरीब तबके के 21 से 40 वर्ष के लोगों को रोजगार देने के लिए एक कानून पास किया है, जिसके तहत कक्षा 8 पास युवाओं को 5 लाख तक का कर्ज मिलेगा, जिसका ब्याज सरकार भरेगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी गरीब के घर में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है, तो उसकी सूचना दी जाए, ताकि दोषी सर्वे कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
सुरक्षा व्यवस्था और चुनावी नैतिकता पर विचार
राजभर ने प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य अब दंगा मुक्त हो गया है और गुंडे-माफियाओं को कोई जगह नहीं मिली है। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि अगर कहीं दंगे हुए हैं, तो वह समाजवादी पार्टी के लोगों ने किए होंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि चुनावों में शराब और मांस के बदले वोट न बेचें, क्योंकि ऐसे लोग अपने परिवार की सुरक्षा नहीं कर सकते।
सम्मान और स्वागत
कार्यक्रम में मंत्री राजभर लगभग 3 घंटे 45 मिनट की देरी से पहुंचे, जहां लोगों ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। मंच पर पहुंचकर उन्होंने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उन्हें बुद्ध की प्रतिमा, गदा, स्मृति चिन्ह, और बुके भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कई पार्टी और विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति दर्ज की गई, और सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी पुलिस बल भी तैनात रहा।