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बलिया जिले के सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। नवानगर गांव निवासी फिरोज अहमद उर्फ मुन्ना ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर हल्का लेखपाल शशांक मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
फिरोज का कहना है कि उन्होंने एक महीने पहले मौजा चाड़ी, अराजी संख्या 113 में वरासत दर्ज कराने के लिए आवेदन किया था। लेकिन, लेखपाल द्वारा लगातार दौड़ाया जा रहा है। आरोप है कि लेखपाल के संपर्क में रहने वाले दलालों ने उनसे रिश्वत की मांग की। पाँच हजार रुपये देने पर तत्काल वरासत दर्ज करने का वादा किया गया।
फिरोज ने बताया कि उन्होंने इस मामले में लेखपाल शशांक मिश्रा से कई बार मुलाकात की, लेकिन हर बार उन्हें धमकाकर यह कहकर टाल दिया गया कि “जल्दी है तो न्यायालय चले जाइए।” लेखपाल पर यह भी आरोप है कि वह दलालों के कहे अनुसार ही काम करते हैं और रिश्वत के बिना किसी का काम नहीं करते।
सिकंदरपुर तहसील में शशांक मिश्रा का कार्यकाल पहले से ही विवादित रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनका रवैया आम नागरिकों के प्रति अपमानजनक है और उनके भ्रष्टाचार के चलते क्षेत्र में असंतोष बढ़ रहा है। फिरोज ने यह भी चेतावनी दी कि यदि इस प्रकार की मनमानी पर रोक नहीं लगी तो भविष्य में देवरिया जैसे कांड की संभावना बन सकती है।
जिलाधिकारी से मांग की गई है कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए और शशांक मिश्रा को तुरंत निलंबित किया जाए। साथ ही वरासत प्रक्रिया को जल्द से जल्द निपटाने का आग्रह किया गया है ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पीड़ित को न्याय मिल पाता है या नहीं।