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राष्ट्र पुरूष रूपेश पांडेय पंचतत्व में विलीन

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वाराणसी। बहुमुखी प्रतिभा के धनी पत्रकार, विचारक, अंदोलनो के नेतृत्वकर्ता, कुशल संगठन सृजनकर्ता सहित सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पूरे भारतवर्ष में अपनी अनोखी पहचान बनाने वाले राष्ट्र पुरूष रूपेश पांडेय रविवार को मर्णिकर्णिका पर पंचतत्व में विलीन हो गए। अर्ध रात्रि में अपने पाण्डेयपुर पैतृक आवास पर अंतिम सांस लिये। वे विगत दो वर्षो से असाध्य रोग ब्रेन ट्यूमर, पैरालाइसिस से ग्रसित थे जिनका इलाज लखनऊ पीजीआई एवं दिल्ली एम्स में भी हुआ लेकिन डाक्टरो ने जबाब दे दिया, जिनका विगत 6 माह से घर पर परिजन सेवा कर रहे थे।रूपेश पांडेय पत्रकारिता, सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनीति सहित हर क्षेत्र में अव्वल रहे। एक निर्भीक, निडर और पूरी बेबाकी के साथ सच बात को रखने वाला इंसान, जिसके दिल में केवल गंगा और गाय का संरक्षण ही नहीं बल्कि अपने शहर, प्रदेश और देश के प्रति जो लगाव था वो कमतर लोगों में नजर आता है। इस बनारस शहर की पहचान हो या शहर व शहरियों को प्रदूषण से मुक्ति का अभियान सब का न केवल प्रतिभाग किया बल्कि नेतृत्व किया।
शहर के हिंदुस्तान समाचार पत्र से पहली बार मीडिया हाउस से जुड़ कर पत्रकारिता का आगाज किया।हालांकि उससे पहले भी वो लिखा करते थे। राजीव दीक्षित जी के साथ मिलकर आजादी बचाओ आंदोलन संगठन के संस्थापक एवं मुख्यसंगठक के रूप में सामाजिक कार्य का शुभारम्भ 1998 से प्रारंभ किये , वे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी, जार्ज फर्नांडीज जी, राम बहादुर राय जी, गोविंदाचार्य , प्रभात जोशी जी, साध्वी उमा भारती जी, संजय जोशी, सुब्रह्मण्यम स्वामी जी , हृदय नरायण दीक्षित जी, राज्यपाल महामहिम लक्ष्मण आचार्य जी एवं मनोज सिन्हा, जल पुरूष राजेन्द्र सिंह जैसे बड़े नेता, विचारकों एवं सामाजिक संगठनो के नेतृत्वकर्ताओ से उनका निकट का संबंध रहा। अनेक राष्ट्रीय आंदोलनों से जुड़े। इसके अलावा माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति अच्युतानंद मिश्र तथा जनसत्ता के पूर्व समूह संपादक प्रभाष जोशी जोशी जी,स्तंभकार हृदय नारायण दीक्षित एवं राम बहादुर राय जी से उनका गहरा नाता रहा। उन लोगो के अनेको कार्यक्रम बीएचयू एवं शहर में कराया। उनके निधन की सूचना मिलते ही पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता सहित सैकड़ो राजनेता उनके निवास और घाट पहुँचकर पिता कृपा शंकर पाण्डेय संवेदना व्यक्त करते हुये सम्बल प्रदान किये, छोटे भाई रत्ननेश पाण्डेय ने मुखाग्नि दिया।

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Aditya