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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कैशलेस चिकित्सा सुविधा के लिए उच्च शिक्षा मंत्री का आभार प्रकट किया

वाराणसी। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व प्रदेश संयुक्त महामंत्री डॉ० जगदीश सिंह दीक्षित के नेतृत्व में वाराणसी सर्किट हाउस उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय एवं उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी से मिल कर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की घोषणा के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया साथ ही विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी कैशलेश चिकित्सा सुविधा प्रदान किये जाने की अपील की। प्रतिनिधिमंडल ने एक मांग पत्र सौंपा जिसमें उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों को सरस्वती सम्मान एवं शिक्षक श्री सम्मान को तत्काल शुरू करने, राजकीय एवं सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में कार्यरत संविदा एवं मानदेय शिक्षकों की पूर्व सेवा को जोड़कर प्रोन्नति में लाभ देने, चिकित्सा सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में स्ववित्तपोषित योजना के अन्तर्गत कार्य शिक्षकों को विनियमित करने, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की दर एवं यात्रा भत्ता तथा दैनिक भत्ता बढ़ाये जाने एवं उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष की नियुक्ति करने, नेट की तर्ज पर राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (स्लेट) कराने, राज्य के समस्त विश्वविद्यालयों में कार्यरत अतिथि प्रवक्ताओं को यूजीसी द्वारा निर्धारित मानदेय प्रदान करने हेतु मांग पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान किए जाने हेतु अपनी सहमति प्रदान करते हुए मांग पत्र के अन्य बिंदुओं को पूरा करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया।चिकित्सा उक्त प्रतिनिधिमंडल में स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, प्रो० नलिन कुमार मिश्र, प्रो० बी० के० निर्मल, डॉ० जगत नारायण सिंह, डॉ० मनोज कुमार सिंह, डॉ० कंचन राय, डॉ० श्रवण कुमार शुक्ल, डॉ० श्याम बाबू वर्मा, प्रो० ओमप्रकाश चौधरी, प्रो० दया शंकर सिंह यादव प्रो० धर्मेन्द्र कुमार सिंह, डॉ० सुनील कुमार सिंह, डॉ० कृपा शंकर पाठक, डॉ० राम प्रकाश सिंह यादव आदि प्राध्यापक शामिल रहे।

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