घर में शांति और समृद्धि के लिए चमत्कारी मंत्र : Vastu Gayatri Mantra

वास्तु गायत्री मंत्र
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हमारा घर सिर्फ ईंट-पत्थरों से बना एक ढांचा नहीं होता, बल्कि यह हमारी भावनाओं, ऊर्जा और जीवनशक्ति का केंद्र होता है। जब घर में वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं, तो नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है जिससे मानसिक अशांति, आर्थिक समस्या और स्वास्थ्य संबंधी कष्ट होने लगते हैं। ऐसे में Vastu Gayatri Mantra का जाप एक दिव्य और प्रभावी उपाय माना जाता है, जो घर के वातावरण को पवित्र और सकारात्मक बनाने में सहायक होता है।

मंत्र


“ॐ वास्तुपुरुषाय विद्महे,
भूमि पुत्राय धीमहि,
तन्नो वास्तु प्रचोदयात्॥”

Vastu Gayatri Mantra न सिर्फ हमारे घर की दिशाओं को संतुलित करता है, बल्कि यह हमारे जीवन में स्थिरता, सफलता और आध्यात्मिक शांति लाता है। यदि नियमित श्रद्धा से इस मंत्र का जाप किया जाए, तो जीवन में कई कठिनाइयों से मुक्ति मिल सकती है।

विधि

  1. शुभ समय का चयन करें: वास्तु गायत्री मंत्र का जाप ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) में करना श्रेष्ठ होता है, लेकिन यदि संभव न हो तो सूर्योदय के बाद भी किया जा सकता है।
  2. स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें: शारीरिक और मानसिक शुद्धता के साथ पूजा करें।
  3. घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में दीपक जलाएं और शांत मन से बैठ जाएं।
  4. कम से कम 11, 21 या 108 बार मंत्र का जाप करें।
  5. जाप के बाद पूरे घर में गंगाजल या गौमूत्र का छिड़काव करें ताकि सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
  6. नियमित रूप से यह साधना सप्ताह में एक या तीन बार करें, विशेषकर मंगलवार और गुरुवार को।

लाभ

  • वास्तु दोष का निवारण: यदि आपके घर में दिशाओं का संतुलन बिगड़ा हुआ है या कोई निर्माण दोष है, तो यह मंत्र उसे शांत करने में सहायक होता है।
  • मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ: यह मंत्र सकारात्मक कंपन उत्पन्न करता है, जिससे घर के सदस्यों का मन शांत रहता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • आर्थिक समृद्धि और कार्य में सफलता: मंत्र जाप से घर की ऊर्जा जाग्रत होती है, जिससे धन, वैभव और व्यापार में उन्नति होती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: यह मंत्र घर को बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखता है।
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