
मेहंदी गौरा ने लगाई हुई है भजन मां गौरा की सौम्यता और पावन सुहाग स्वरूप की झलक प्रस्तुत करता है। जिस प्रकार मेहंदी का रंग प्रेम और मंगल का प्रतीक माना जाता है, उसी प्रकार यह भजन मां की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक बनकर भक्तों के हृदय को आनंदित करता है। इसे सुनते ही मन में श्रद्धा और भक्ति का भाव स्वतः जागृत हो उठता है।
Mehandi Gaura Ne Lagai Huyi Hai
मेहंदी गौरा ने लगाई हुई है
मेहंदी, गौरा ने, लगाई हुई है,
जनज, भोले जी की, आई हुई है ll
क्या है, भोले की निशानी,
गले में सर्पों की माला ll
शरीर पर, भस्म रमाई हुई है,
जनज, भोले जी की, आई हुई है l
मेहंदी, गौरा ने…
देखो, भोले के, बाराती,
ना कोई घोड़ा, ना कोई हाथी ll
ऐसी, रौनक, लगाई हुई है,
जनज, भोले जी की, आई हुई है l
मेहंदी, गौरा ने…
जो है, गौरा मां का, स्वामी,
वह तो, है अंतर्यामी ll
गौरा, फूलों से, सजाई हुई है,
जनज, भोले जी की, आई हुई है l
मेहंदी, गौरा ने…
वह तो, कैलाश का वासी,
वह तो, घट-घट का वासी ll
भंग, सबको, पिलाई हुई है,
जनज, भोले जी की, आई हुई है l
मेहंदी, गौरा ने…
हर हर महादेव
यह भजन मेहंदी गौरा ने लगाई हुई है केवल एक गीत नहीं, बल्कि मां गौरा की दिव्य छवि का सजीव दर्शन है। इसे गाकर या सुनकर भक्त मां के प्रेम, करुणा और सौंदर्य को हृदय में अनुभव करता है। मेहंदी की सुगंध की तरह मां की कृपा भी भक्तों के जीवन में फैलती है और हर कण में शांति, प्रेम और समृद्धि का आशीर्वाद भर देती है।

