मारुति स्तोत्र भगवान हनुमान को समर्पित एक शक्तिशाली और भक्तिपूर्ण प्रार्थना है। यह स्तोत्र उनकी असीम शक्ति, साहस और भक्ति की महिमा का वर्णन करता है। जो भी व्यक्ति इसे श्रद्धा और समर्पण के साथ पढ़ता है, उसे जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति और हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माना जाता है कि मारुति स्तोत्र का पाठ करने से भय, रोग और मानसिक तनाव दूर होते हैं और मन को शांति व ऊर्जा मिलती है।
मारुती स्तोत्र
भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती,
वनारी अंजनीसूता, रामदूता प्रभंजना ॥
महाबळी प्राणदाता, सकळां उठवीं बळें,
सौख्यकारी शोकहर्ता, धूर्त वैष्णव गायका ॥
दिनानाथा हरीरूपा, सुंदरा जगदंतरा,
पाताळ देवता हंता, भव्य सिंदूर लेपना ॥
लोकनाथा जगन्नाथा, प्राणनाथा पुरातना,
पुण्यवंता पुण्यशीला, पावना परतोषका ॥
ध्वजांगे उचली बाहू, आवेशें लोटिला पुढें,
काळाग्नी काळरुद्राग्नी, देखतां कांपती भयें ॥
ब्रह्मांड माईला नेणों, आवळें दंतपंगती,
नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा, भृकुटी त्राहिटिल्या बळें ॥
पुच्छ तें मुरडिलें माथां, किरीटी कुंडलें बरीं,
सुवर्णकटीकासोटी, घंटा किंकिणी नागरा ॥
ठकारे पर्वताऐसा, नेटका सडपातळू,
चपळांग पाहतां मोठें, महाविद्युल्लतेपरी ॥
कोटिच्या कोटि उड्डाणें, झेपावे उत्तरेकडे,
मंद्राद्रीसारिखा द्रोणू, क्रोधे उत्पाटिला बळें ॥
आणिता मागुता नेला, गेला आला मनोगती,
नासी टाकिलें मागें, गतीस तूळणा नसे ॥
अणूपासोनि ब्रह्मांडा, येवढा होत जातसे,
तयासी तुळणा कोठें, मेरुमंदार धाकुटें ॥
ब्रह्मांडाभोंवते वेढे, वज्रपुच्छ घालूं शके,
तयासि तूळणा कैचीं, ब्रह्मांडीं पाहतां नसे ॥
आरक्त देखिलें डोळां, गिळीलें सूर्यमंडळा,
वाढतां वाढतां वाढे, भेदिलें शून्यमंडळा ॥
धनधान्यपशुवृद्धी, पुत्रपौत्र समग्रही,
पावती रूपविद्यादी, स्तोत्र पाठें करूनियां ॥
भूतप्रेतसमंधादी, रोगव्याधी समस्तही,
नासती तूटती चिंता, आनंदें भीमदर्शनें ॥
हे धरा पंधराश्लोकी, लाभली शोभली बरी,
दृढदेहो निसंदेहो, संख्या चंद्रकळागुणें ॥
रामदासी अग्रगण्यू, कपिकुळासी मंडण,
रामरूपी अंतरात्मा, दर्शनें दोष नासती ॥
॥इति श्रीरामदासकृतं संकटनिरसनं मारुतिस्तोत्रं संपूर्णम् ॥
मारुति स्तोत्र सिर्फ एक प्रार्थना नहीं, बल्कि आत्मबल और विश्वास का स्रोत है। इसे पढ़कर व्यक्ति न केवल अपनी समस्याओं का समाधान पा सकता है, बल्कि अपने भीतर एक नई सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव भी करता है। तो आइए, हनुमान जी की कृपा पाने और अपने जीवन को नई दिशा देने के लिए इस स्तोत्र का नियमित पाठ करें। हनुमान जी का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे! जय श्री राम!