माँ मनसा देवी, शक्ति और आस्था की देवी मानी जाती हैं। उन्हें विशेष रूप से नागों की देवी और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। श्रद्धालु जन माँ मनसा देवी की आरती करके अपने जीवन की बाधाओं को दूर कर सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति करते हैं। इस लेख में हम Mansa Devi Aarti के महत्त्व, विधि और लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे।
Mansa Devi Aarti
ॐ जय मनसा माता, मैया जय मनसा माता…
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ,
॥ ॐ जय मनसा माता ॥
जरत्कारु मुनि पत्नी, तुम वासुकि भगिनी…
कश्यप की तुम कन्या, आस्तिक की माता ,
॥ ॐ जय मनसा माता ॥
गर्व धन्वन्तरि नाशिनी, हंशवाहिनी देवी…
सुर-नर-मुनि-गण ध्यावत, सेवत नरनारी ,
॥ ॐ जय मनसा माता ॥
पर्वतवासिनी संकटनाशिनी, अक्षय धनदात्री…
पुत्र पौत्रादि प्रदायिनी, मनवांछित फलदात्री ,
ॐ जय मनसा माता…
मनसा जी की आरती, जो कोई नर गाता…
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पाता ,
॥ ॐ जय मनसा माता ॥
Mansa Devi Aarti केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि माँ की कृपा प्राप्त करने का सशक्त माध्यम है। जो भी श्रद्धा और विश्वास से माँ की आरती करता है, उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता, सुरक्षा और शांति मिलती है। यदि आप भी माँ मनसा देवी की कृपा पाना चाहते हैं, तो प्रतिदिन या विशेष पर्वों पर इस आरती को करें और माँ की भक्ति में लीन हो जाएं।
विधि
- प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- माँ मनसा देवी की प्रतिमा या चित्र के सामने आसन पर बैठें।
- एक दीपक घी या तिल के तेल से जलाएं।
- अगरबत्ती या धूपबत्ती प्रज्वलित करें।
- माँ को लाल फूल, नारियल और मिठाई अर्पित करें।
- दोनों हाथ जोड़कर श्रद्धा से माँ की आरती करें।
- आरती के बाद मंत्र जाप करें – “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं मनसादेव्यै नमः।”
- अंत में प्रसाद ग्रहण करें और परिवार में वितरित करें।
लाभ
- मनोकामना पूर्ति – जो भी भक्त सच्चे मन से आरती करता है, उसकी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
- सर्पदोष से मुक्ति – सर्पदोष या भय से पीड़ित व्यक्ति को विशेष रूप से लाभ मिलता है।
- रोग-शोक से छुटकारा – मानसिक और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
- परिवार में सुख-शांति – घर में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन बना रहता है।
- संतान सुख की प्राप्ति – संतान की कामना रखने वालों को विशेष लाभ होता है।