महावतार बाबाजी गायत्री मंत्र: साधना का अलौकिक स्रोत

महावतार बाबाजी गायत्री मंत्र
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भारतीय अध्यात्म जगत में महावतार बाबाजी एक ऐसे अमर योगी माने जाते हैं जिनका अस्तित्व काल और शरीर की सीमाओं से परे है। उनकी उपस्थिति का अनुभव लाखों साधकों ने ध्यान और भक्ति के माध्यम से किया है। इस लेख में हम एक अत्यंत शक्तिशाली और दिव्य मंत्र “महावतार बाबाजी गायत्री मंत्र” के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे – इसकी विधि, लाभ और इसे क्यों एवं कैसे जपना चाहिए, ताकि आपके जीवन में सकारात्मकता, ऊर्जा और आत्मिक विकास का प्रवाह हो।

बाबाजी गायत्री मंत्र

ॐ महावताराय विद्महे
ज्ञानमूर्ति धीमहि
तन्नो बाबाजी प्रचोदयात्॥


“महावतार बाबाजी गायत्री मंत्र”
केवल एक मंत्र नहीं, बल्कि एक जीवंत साधना है, जो हमारी आत्मा को ब्रह्मज्ञान की ओर ले जाती है। जो साधक श्रद्धा और निष्ठा से इसका जाप करते हैं, उन्हें बाबाजी का दिव्य सान्निध्य अनुभव होता है। अगर आपने अब तक “महावतार बाबाजी ध्यान मंत्र”, “बाबाजी का गुरु मंत्र”, “महावतार बाबाजी की साधना विधि”, या “बाबाजी का दिव्य नाम स्मरण” नहीं पढ़ा है, तो उन्हें भी ज़रूर पढ़ें और इस साधना पथ पर आगे बढ़ें।

जाप की विधि

  1. स्वच्छता और स्थान का चयन:
    प्रातःकाल या संध्या के समय शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखें।
  2. आसन का प्रयोग:
    पद्मासन, सुखासन या वज्रासन में बैठें और पीठ सीधी रखें।
  3. दीपक और अगरबत्ती जलाएं:
    दीपक जलाकर सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनाएं। महावतार बाबाजी की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठना लाभकारी होगा।
  4. मंत्र का जप:
    माला लेकर इस मंत्र का 108 बार जाप करें। ध्यान रखें कि मन एकाग्र हो और उच्चारण शुद्धता के साथ हो।
  5. ध्यान और प्रार्थना:
    जाप के बाद कुछ क्षण मौन रहकर बाबाजी के दिव्य स्वरूप का ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
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मंत्र के लाभ

  • आत्मिक जागरण:
    इस मंत्र का नियमित जप साधक के भीतर छिपे आत्मिक ऊर्जा को जाग्रत करता है।
  • मन की शांति और ध्यान में गहराई:
    यह मंत्र ध्यान को गहरा करता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है और चेतना स्थिर होती है।
  • ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत:
    महावतार बाबाजी की कृपा से जीवन में नई ऊर्जा, साहस और मार्गदर्शन की अनुभूति होती है।
  • आध्यात्मिक प्रगति:
    यह मंत्र साधक को धीरे-धीरे आत्मज्ञान की दिशा में अग्रसर करता है और गुरु कृपा प्राप्त होती है।
  • नकारात्मकता से सुरक्षा:
    नकारात्मक विचारों और शक्तियों से रक्षा करता है तथा जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।
Shiv murti
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