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महाकुंभ 2025: ‘युग परिवर्तन की आहट’ और सांस्कृतिक एकता का महायज्ञ

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प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को बताया ‘युग परिवर्तन की आहट’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में संपन्न महाकुंभ को ‘युग परिवर्तन की आहट’ करार देते हुए इसे भारत की विकास यात्रा का नया अध्याय बताया। अपने ब्लॉग में उन्होंने महाकुंभ को ‘विकसित भारत’ का संदेश देने वाला आयोजन बताया और इसे ‘एकता का महायज्ञ’ करार दिया। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक आयोजन में समाज के हर वर्ग और क्षेत्र के लोग एकजुट हुए, जिससे भारत की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक एकता को नई ऊर्जा मिली है।

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पीएम मोदी ने संगम तट पर करोड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति को भारत की सांस्कृतिक विरासत की जीवंतता का प्रमाण बताया। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और आम जनता के प्रयासों की सराहना की, जिनके सहयोग से यह भव्य आयोजन संभव हो सका। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि वह जल्द ही सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करेंगे और राष्ट्र की समृद्धि एवं एकता के लिए प्रार्थना करेंगे।


महाकुंभ का औपचारिक समापन, सीएम योगी ने चलाया सफाई अभियान

महाकुंभ के भव्य समापन के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को प्रयागराज पहुंचे। वहां डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित कई कैबिनेट मंत्रियों ने उनका स्वागत किया। सीएम योगी ने अरैल घाट पर सफाई अभियान चलाया और खुद झाड़ू लगाकर घाटों की सफाई की। उन्होंने अपने हाथों से कूड़ा उठाकर पॉलिथीन में भरा, जिससे स्वच्छता का संदेश दिया और महाकुंभ की गरिमा को बनाए रखने की अपील की।

संगम तट पर महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान के साथ इस ऐतिहासिक महाकुंभ का समापन हुआ। इसे भारत की आध्यात्मिक चेतना और गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा के लिए विश्वभर में याद किया जाएगा।

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महाकुंभ में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की भागीदारी

इस महाकुंभ में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने शिरकत की। अमेरिकी उद्योगपति लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने भारतीय संस्कृति को आत्मसात करते हुए संगम पर कल्पवास किया। वहीं, मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी ने सेवा कार्यों में भाग लिया।

अनंत अंबानी और गौतम अदाणी द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अन्नक्षेत्र संचालित किए गए, जहां लाखों श्रद्धालुओं को भोजन सेवा प्रदान की गई। इस आयोजन ने भारत की सेवा परंपरा और आध्यात्मिक संस्कृति को विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया।


महाकुंभ 2025: विश्व को दिया एकता और सनातन संस्कृति का संदेश

इस महासंगम ने भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को एकता, आध्यात्मिकता और सनातन संस्कृति का संदेश दिया। करोड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति, संतों के प्रवचन, सेवा कार्यों और सांस्कृतिक आयोजनों ने इसे एक अविस्मरणीय क्षण बना दिया।

महाकुंभ का यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक चेतना को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला सिद्ध हुआ। यह न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना, बल्कि स्वच्छता, सेवा और समर्पण के संदेश को भी मजबूत किया। इस भव्य आयोजन ने ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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