लखनऊ का नया नाम लक्ष्मणपुरी होगा? क्या है शहर का लक्ष्मण से कनेक्शन

खबर को शेयर करे

यूपी की राजधानी लखनऊ का नाम लक्ष्मणपुरी करने का प्रस्ताव नगर निगम कार्यकारिणी में रखे जाने की चर्चा है। दावा किया जा रहा है कि कार्यकारिणी से मंजूरी मिलने के बाद नगर निगम सदन में इसे रखा जाएगा। यहां से पास होने के बाद शासन को मंजूरी के लिए जाएगा।

इसके अलावा बैठक में स्वतंत्रता सेनानी श्याम लाल गुप्त ‘पार्षद’ की मूर्ति और गोमतीनगर रेलवे स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने के भी प्रस्ताव आएंगे। नगर निगम कार्यकारिणी की मीटिंग चल रही है। आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। सदन की डेट अभी तय नहीं है।

एजेंडे में 16 प्रस्ताव शामिल

एजेंडे में 16 प्रस्ताव हैं। इनमें से अधिकतर नामकरणों के प्रस्ताव रखे गए हैं। कुछ महापुरुषों की मूर्तियां लगाने का भी प्रस्ताव है। पद्मभूषण जार्ज फर्नांडिस पूर्व रक्षा मंत्री की मूर्ति विकास नगर, सेक्टर-6, बिजली घर में स्थापित होगी। हुसैनगंज चौराहे का नाम महाराणा प्रताप चौराहा करने का प्रस्ताव है। लाल कुआं से नाका चौराहा फ्लाईओवर गुरु गोविंद सिंह फ्लाईओवर के नाम से रखने का प्रस्ताव है। गोमतीनगर रेलवे स्टेशन को अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से करने का प्रस्ताव है। इनके अलावा संगम पार्क के निकट शहीद पथ फ्लाईओवर के नीचे हरित पट्टी का विकास और सुंदरीकरण किया जाने का प्रस्ताव है।

राजाजीपुरम चौराहे का नाम प्रज्ञान चंद्रयान-3 करने का प्रस्ताव

राजाजीपुरम चौराहे का नाम प्रज्ञान चंद्रयान-3 करने का कार्यकारिणी में प्रस्ताव रखा गया है। चंद्रयान-3 की वैज्ञानिक रितु करिधाल के भाई राजाजीपुरम में रहते हैं, इसीलिए उनके घर के पास के इस चौराहे का नाम प्रज्ञान चंद्रयान-3 करने का प्रस्ताव है। अलकापुरी अलीगंज में डीपी श्रीवास्तव के मकान से सुलभ कार्यालय तक के मार्ग का नाम डॉ. बिंदेश्वर पाठक, शिवानी विद्यालय ट्रांसपोर्ट नगर से गुड़ौरा गांव होते हुए नालायकपुरवा गांव जाने वाले मार्ग का नामकरण ‘सन्त रविदास मार्ग, मौलवीगंज अमीनाबाद इंटर कॉलेज के पास छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति, रिमकी लॉन्ड्री के पास अमर शहीद अहमद उल्लाह शाह द्वार का निर्माण, कश्मीरी मोहल्ला में स्वर्गीय मौलाना मोहम्मद अतहर द्वार का निर्माण का प्रस्ताव शामिल है।

इसे भी पढ़े -  मनोज राय हत्याकांड, ड्राइवर गवाही से पलटा

ऐसे छिड़ी नाम बदलने की चर्चा?

इसी हफ्ते सोमवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के एक ट्वीट ने लखनऊ के नाम बदलने की चर्चा को जोर दिया। दरअसल, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखनऊ आने पर ट्वीट किया था- “शेषावतार भगवान श्री लक्ष्मण जी की पावन नगरी लखनऊ में आपका हार्दिक स्वागत व अभिनंदन…” इस ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी के साथ अपनी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की एक फोटो भी पोस्ट की थी।

योगी के इस ट्वीट के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि सीएम ने लखनऊ को लक्ष्मणनगरी बुलाया है और इसलिए शहर का नाम कभी भी बदला जा सकता है। योगी के ट्वीट के बाद ट्विटर पर हैशटैग लक्ष्मणपुरी जबरदस्त रूप से ट्रेंड भी हुआ। ऐसे में लगभग सभी लोगों के मन में यही सवाल है कि आखिर भगवान लक्ष्मण का लखनऊ से क्या कनेक्शन रहा है और इसका नाम बदलने के पीछे के तर्क क्या हैं?

लक्ष्मणनगरी बताने पर क्या है भाजपा का दावा?

भाजपा के नेताओं ने कई मौकों पर लखनऊ का नाम बदलकर भगवान लक्ष्मण पर करने की मांग की है। हालांकि, उनकी मांग लखनऊ का नाम लक्ष्मणनगरी की जगह लक्ष्मणपुरी करने की रही है। अमर उजाला के एक रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र, जो कि अभी राजस्थान के राज्यपाल हैं, ने मांग की थी कि लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुरी किया जाए। उनकी यह टिप्पणी भाजपा नेता लालजी टंडन की किताब ‘अनकहा लखनऊ’ के बाद आई थी। टंडन ने इस किताब में भगवान लक्ष्मण और लखनऊ के बीच का पौराणिक कनेक्शन बताया था।

इसे भी पढ़े -  फिर बदलेगा मौसम लखनऊ व आस पास के जनपदो मे पानी के आसार

किताब में क्या है दावा

टंडन ने अपनी किताब में दावा किया था कि लखनऊ को इससे पहले लक्ष्मणपुर और लक्ष्मणावती के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसे लखनौती और लखनपुर भी कहा जाने लगा। बदलाव के साथ इसे अंग्रेजी में लखनऊ कहा गया। भाजपा नेता का दावा है कि लखनऊ का इतिहास वैदिक काल का है। फिर यहां एक दौर रामायणकाल का भी आया, जब भगवान लक्ष्मण ने लक्ष्मणपुरी की स्थापना की। टंडन का दावा है कि उस दौर के लक्ष्मण टीले को समय के साथ भुला दिया गया और अब उस ऐतिहासिक टीले से सिर्फ टीले वाली मस्जिद को ही जोड़कर देखा जाता है। इस खबर को महापौर ने इनकार किया है और इसे अफवाह बताया है।

साभार