राजधानी लखनऊ के गोसाईंगंज इलाके में एक संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। गांव के बाहर बांस कोठी में एक अधेड़ व्यक्ति का शव गमछे से लटका मिला, जिससे पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान गांव के ही सुरेश रावत (55) के रूप में हुई है। पुलिस का मानना है कि सुरेश ने गले में फंदा लगाकर आत्महत्या की है, लेकिन ग्रामीणों ने इस मामले में हत्या की आशंका जताई है।
घटना का विवरण: बांस कोठी में मिला शव
घटना रविवार सुबह की है, जब ग्रामीणों ने गांव के बाहर बांस कोठी में एक व्यक्ति का शव लटका देखा। शव गमछे से लटकता हुआ था, जिससे लोगों के बीच हड़कंप मच गया। मृतक की पहचान सुरेश रावत के रूप में हुई, जो गांव में ही रहते थे और खेती-बाड़ी करते थे।
ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतारकर जांच शुरू कर दी।
ग्रामीणों का आरोप: हत्या की आशंका
घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने दावा किया कि सुरेश रावत की हत्या की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि:
- गले पर निशान कुछ संदिग्ध नजर आ रहे थे।
- सुरेश के आत्महत्या करने की कोई वजह नहीं थी।
- शव जिस तरह से लटका हुआ मिला, वह आत्महत्या की संभावना को कमजोर करता है।
एक ग्रामीण ने कहा: “सुरेश शांत स्वभाव के व्यक्ति थे और उनके व्यवहार में किसी भी तरह का बदलाव नहीं देखा गया था। ऐसे में यह आत्महत्या नहीं हो सकती।”
पुलिस का दावा: आत्महत्या का मामला
पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद इसे आत्महत्या का मामला बताया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शव पर कोई संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं और न ही किसी प्रकार की चोट के संकेत मिले हैं।
पुलिस ने बताया: “प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी।”
हालांकि, पुलिस का यह बयान ग्रामीणों को संतुष्ट नहीं कर सका, और उन्होंने जांच को गहराई से करने की मांग की है।
मृतक के परिवार का हाल: मातम और सवाल
सुरेश रावत के परिवार पर इस घटना के बाद दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार के लोगों का कहना है कि सुरेश आत्महत्या नहीं कर सकते थे। उनके बेटे ने रोते हुए कहा: “मेरे पिता के पास कोई परेशानी नहीं थी। न कर्ज था और न ही कोई झगड़ा। फिर वो क्यों आत्महत्या करेंगे?”
परिवार के इन सवालों के बाद पुलिस पर मामले की गहराई से जांच करने का दबाव बढ़ गया है।
ग्रामीणों का आक्रोश: निष्पक्ष जांच की मांग
घटना के बाद गांव के लोगों में आक्रोश देखने को मिला। ग्रामीणों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि सुरेश की मौत की सच्चाई सामने आनी चाहिए।
कुछ ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गांव में हाल ही में कुछ संदिग्ध लोग देखे गए थे, जिन पर पुलिस को ध्यान देना चाहिए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
फिलहाल, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह साफ हो पाएगा कि मौत का कारण क्या है:
- आत्महत्या
- या फिर हत्या
पुलिस ने ग्रामीणों और परिवार को आश्वासन दिया है कि रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की कार्रवाई: गहन जांच के आदेश
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि:
आसपास के इलाकों में पूछताछ की जा रही है।
मृतक के मोबाइल फोन और व्यक्तिगत जिंदगी से जुड़े पहलुओं की जांच की जा रही है।
घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र कर फॉरेंसिक टीम को भेजे गए हैं।
गांव में फैला मातम और डर
सुरेश रावत की संदिग्ध मौत के बाद गांव के लोग सदमे में हैं। लोगों में डर का माहौल है कि कहीं यह हत्या का मामला न हो। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को जल्द से जल्द मामले की तह तक पहुंचना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आए।