राजकीय बालिका महाविद्यालय सेवापुरी में मुंसी प्रेमचंद के जयंती पर साहित्यिक प्रदर्शनीय का हुआ आयोजन

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कवि प्रेमचंद विभिन्न भाषाओं के थे ज्ञाता विभिन्न भाषाओं में लिखे थे उपन्यास

वाराणासी जिले के सेवापुरी विकास खंड क्षेत्र के भीषमपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय बालिका महाविद्यालय सेवापुरी में आज गुरुवार को कथा सम्राट प्रख्यात कवि प्रेमचंद के 145 वी जयंती धूम धाम से मनाई गई।इस अवसर पर प्रेमचंद के समग्र साहित्यिक उन पर लिखी गई जीवनियां,समीक्षाए,संस्मरण, अनुदित, रचनाएं।प्रेमचंद द्वारा संपादित पत्रिका हंस के सभी अंकों आदि वृहद साहित्यिक प्रदर्शनीय लगाई गई।जहा प्रदर्शनीय का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या सुधा पांडेय, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो0 कमलेश कुमार वर्मा,राम कृष्ण गौतम एवं महाविद्यालय के विद्वान शिक्षकों ने दीप प्रज्वलित कर हर्सोल्लास के साथ उनकी जयंती मनाई गई।

वही प्राचार्य सुधा पांडेय ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कथा सम्राट प्रेमचंद भारत ही नहीं विश्व के महानतम साहित्यकारों में से एक है।उनका साहित्य भुक्तभोगी का साहित्य है।उनकी रचनाएं यथार्थ के धरातल पर चलते हुए आदर्श की स्थापना में सहायक सिद्ध होती है।वे जन लेखक है।जनता का सुख दुख उनका अपना सुख-दुख है।हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो0कमलेश कुमार वर्मा ने प्रेमचंद के ब्यक्तित्व,कृतित्व उनके साहित्यिक योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।इसके बाद छात्राओं ने उनकी लिखी गई सभी ग्रथो को देखा और पढ़ते नजर आए।

इस दौरान प्रो रवि प्रकाश गुप्ता, प्रो सत्यनारायण वर्मा,प्रो अर्चना गुप्ता, डॉ सर्वेश कुमार सिंह, डॉ कमलेश कुमार सिंह, सुश्री गीता रानी शर्मा, डॉ शौरभ सिंह, डॉ सुधा तिवारी,सहित छात्राएं उपस्थित रही।वही हिंदी विभाग के शोधकर्ताओं ने अपना सहयोग दिया।वही साहित्यिक प्रदर्शनीय का आयोजन हिंदी विभाग द्वारा किया गया।

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Shiv murti