अधिकारियों के हटने तक आंदोलन चलाने का वकीलों ने लिया निर्णय

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महा पंचायत में जुटे आधा दर्जन जिलों के वकील, भरी हुंकार

वाराणासी जिले के पिंडरा तहसील परिसर में एसडीएम पिंडरा व एसडीएम न्यायिक के खिलाफ वकीलों की महापंचायत हुई। जिसमें वकीलों ने दोनो अधिकारियों के स्थानांतरण के साथ तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार खत्म होने तक आंदोलन करने का निर्णय लिया।
तहसील बार एसोसिएशन पिंडरा के बैनर तले मंगलवार को आयोजित महापंचायत में वाराणसी जिले के अलावा जौनपुर, आजमगढ़,भदोही, मिर्जापुर,सोनभद्र, प्रयागराज,गाजीपुर समेत अनेक जिलों व तहसील के अधिवक्ता व पदाधिकारी उपस्थित रहे। महापंचायत के दौरान वक्ताओं ने राज्य सरकार से लेकर बार काउंसिल के कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा किया और कहाकि वकीलों के भितरघात के चलते अधिकारी मनमाना करते है वरना जिसदिन बार काउंसिल चाह ले कोई भी अधिकारी वकीलों के तरफ अंगुली नही उठा पायेगा। वकीलों ने कानूनगो लेखपाल से लगायत तहसील से जुड़े अधिकारियों पर भ्रष्टाचार करने और न्याय के लिए फरियादियों को दौड़ाने का आरोप भी लगाया। वही मंच से ही वकीलों ने सीमांकन, रिपोर्ट लगाने,फाइल तैयार करने के रेट भी सुनाए और कहाकि यह किसके शह पर हो रहा है?
दोपहर एक बजे से सायँ साढ़े 4 बजे तक चली पंचायत के दौरान चार प्रस्ताव आये। जिसमे मुख्यमंत्री से मिलकर समस्या से अवगत कराना,प्रदेश भर में एक दिन की हड़ताल,विधान सभा का घेराव तथा एक दिन निबंधन कार्यालय में तालाबंदी का निर्णय लिया। इसकी तिथि बार काउंसिल के निर्णय पर लिया जाएगा।
पंचायत की अध्यक्षता बार अध्यक्ष कृपाशंकर पटेल व संचालन महामन्त्री द्वारा किया गया।

पंचायत के दौरान प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व सदस्य हरिशंकर सिंह, प्रदीप राय,धीरेंद्र श्रीवास्तव,सूर्यमणि यादव,छोटेलाल,भरत लाल यादव,पंधारी यादव,विजय शर्मा , जावेद खा,हरिश्चंद्र पटेल, अमर सिंह, दिनेश यादव, समेत दर्जनों लोगों ने सम्बोधित किया।

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पंचायत के दौरान गुटों में बटते नजर आए तहसील के अधिवक्ता

एक तरफ पूर्वांचल के अधिकतर जिलों से प्रतिनिधि स्वरुप अधिवक्ता पंचायत में शामिल हुए। लेकिन तहसील पिंडरा के अधिवक्ता गुटों में बटते नजर आए। जिसकी चर्चा पंचायत के दौरान पंडाल में जुटे वकीलों में होती रही। यही नही कुछ लोग इसे मंच से कहते नजर आए।