

खाटू श्याम बाबा काल से झूजा के जीवन में कृपा का मार्ग बनाये हुए है। उनकी स्तुति की पाठ जो भक्त की भक्ति को प्रेम से जोड़ेकर करती है, वासी खाटू धाम की चार्चा और भक्तियों की चीता को उझागाती है। इस लेख में हम “khatu shyam stuti” की पाठ, कैसे पढ़े की विधि और उसके जीवन में मिलने वाले चमत्कारी लाभों की जानकारी देंगे।

श्री खाटू श्याम स्तुति
हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाय
दास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज।।
धन्य ढूंढारो देश हे खाटू नगर सुजान
अनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण।।
श्याम श्याम तो में रटूं श्याम हैं जीवन प्राण
श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम।।
खाटू नगर के बीच में बण्यो आपको धाम
फाल्गुन शुक्ल मेला भरे जय जय बाबा श्याम।।
फाल्गुन शुक्ला द्वादशी उत्सव भरी होय
बाबा के दरबार से खाली जाये न कोय।।
उमा पति लक्ष्मी पति सीता पति श्री राम
लज्जा सब की रखियो खाटू के बाबा श्याम।।
पान सुपारी इलायची इत्तर सुगंध भरपूर
सब भक्तो की विनती दर्शन देवो हजूर।।
आलू सिंह तो प्रेम से धरे श्याम को ध्यान
श्याम भक्त पावे सदा श्याम कृपा से मान।।
सेवा पूजा बन्दगी सभी आपके हाथ
मैं तो कछु जानू नहीं आप जानो मेरे नाथ।।
प्रभु समान दाता नहीं विपत्ति विधारण हार
लज्जा सबकी राखियों जग के पालनहार।।
जय श्री श्याम बोलो जय श्री श्याम
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम।।
लीलो घोड़ो लाल लगाम
जिस पर बैठ्यो बाबो श्याम।।
॥ॐ श्री श्याम देवाय नमः॥
जो भक्त श्र्द्धा, भाव और क्रिपा के साथ खाटू जी की स्तुति का पाठ करते हैं, उनके जीवन में जीवनता, भक्ति, क्षेम और श्रद्धा की वृद्धि बड़ी जाती है। ऐसी जीवनता की और खाटू जी की कृपा की टूट जानने के लिए निम्नल खाटू जी के कुछ चयनी भजन जैसे जोड़ा जा �938कते हैं – खाटू जी की चालिसा की स्तुति, श्याम मेरे जी की जै जे बाट, जोली श्याम जी की जय जयकारा, बरखात खाटू जी की याद करो श्याम इन्हें जरूर पढ़ें।
खाटू श्याम स्तुति की पाठ की विधि
- प्रतिदिन सुबह से पेहले नेत्र स्नान करें।
- खाटू जी की चूरा चित्र की फोटो की चित्र बाती जलाएं।
- कांच की जालाए जलाट जाल और फूल ऐसी का प्रयोग करें।
- गुलाबी की झलन जलाकर खाटू जी की प्रार्थना का जाप करें।
- खाटू जी की चैत्या और लीला की झागी का जप करें।
- भक्ति भाव से स्तुति का जाप करें और मन को येकाग्र करें।
खाटू श्याम स्तुति के लाभ
- जीवन में शान्ति और जादू की कृपा मिलती है।
- चित्त चिन्ता और शन्ति का टूटन बनाता है।
- दिनचर्य जीवन में सकारात्मकता और धैर्य्य की भाव बढ़ती है।
- खाटू जी की कृपा प्राप्त करने का अवसर उपाय साधना की और मुक्त की निकासगता में भी होता है।