खाटू श्याम जी की आरती का महत्व भक्तों के जीवन में असीम है। इसे गाने से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि श्याम बाबा की कृपा भी प्राप्त होती है। खाटू श्याम जी को कलियुग के भगवान माना जाता है, और उनकी आरती श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है। भक्त जब आरती गाते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे बाबा स्वयं उनकी प्रार्थना सुन रहे हों। यह आरती न सिर्फ एक भजन है, बल्कि भक्ति की ऊर्जा से भरपूर अनुभव है।
खाटू श्याम जी की आरती
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे,
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे,
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे,
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे,
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे,
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे,
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे,
कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे,
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे,
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
खाटू श्याम जी की आरती हमारे जीवन में भक्ति और विश्वास का दीप जलाती है। यह हमें सिखाती है कि सच्चे मन और प्रेम से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती। बाबा श्याम के चरणों में समर्पित आरती हमें जीवन के हर उतार-चढ़ाव में साहस और मार्गदर्शन देती है। आइए, इस आरती को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और बाबा श्याम की कृपा से अपनी राहें उज्जवल करें। श्याम बाबा की जय!