
वाराणसी में दो दिवसीय रथयात्रा मेले की धूमधाम से शुरुआत हुई। काशी नरेश कुंवर अनंत नारायण ने भगवान जगन्नाथ की विधिवत पूजा-अर्चना की और दो पग खींचकर रथयात्रा का शुभारंभ किया। यह मेला श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो हर साल विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को सजाए गए विशाल रथ पर विराजमान किया जाता है और भक्तजन मिलकर इन रथों को खींचते हैं।
मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं और भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर अपने को धन्य मानते हैं। मेले के दौरान कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र होती हैं। इसके अलावा, मेले में विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगते हैं जहाँ से लोग खाने-पीने की चीजें, खिलौने और अन्य सामग्रियाँ खरीदते हैं।
रथयात्रा मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह वाराणसी की सांस्कृतिक धरोहर को भी सजीव बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रकार, दो दिवसीय यह मेला वाराणसी के जीवन में उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है।