जीण माता की आरती का भारतीय संस्कृति में खास महत्व है। यह आरती मां जीण भवानी के भक्तों के लिए श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि जो सच्चे मन से जीण माता की आरती करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित जीण माता का मंदिर हजारों भक्तों की आस्था का केंद्र है, जहां हर साल नवरात्रि में भव्य मेले का आयोजन होता है। उनकी आरती के शब्द न केवल मन को शांत करते हैं बल्कि आत्मा को भी शुद्ध करते हैं।
आरती
ओम जय श्री जीण मइया, बोलो जय श्री जीण मइया,
सच्चे मन से सुमिर, सब दुःख दूर भया,
ओम जय श्री जीण मइया॥
ऊंचे पर्वत मंदिर , शोभा अति भारी,
देखत रूप मनोहर , असुरन भयकारी,
ओम जय श्री जीण मइया॥
महासिंगार सुहावन , ऊपर छत्र फिरे,
सिंह की सवारी सोहे , कर में खड़ग धरे,
ओम जय श्री जीण मइया॥
बाजत नौबत द्वारे , अरु मृदंग डैरु,
चौसठ जोगन नाचत , नृत्य करे भैरू,
ओम जय श्री जीण मइया॥
बड़े बड़े बलशाली , तेरा ध्यान धरे,
ऋषि मुनि नर देवा , चरणो आन पड़े,
ओम जय श्री जीण मइया॥
जीण माता की आरती , जो कोई जन गावे,
कहत रूड़मल सेवक , सुख सम्पति पावे,
ओम जय श्री जीण मइया , बोलो जय श्री जीण मइया॥
सच्चे मन से सुमिरे , सब दुःख दूर भया,
ओम जय श्री जीण मइया॥
जीण माता की आरती केवल शब्द नहीं, बल्कि भक्ति का एक ऐसा माध्यम है जो भक्त और देवी के बीच अटूट संबंध बनाती है। आरती के दौरान भक्तों की आंखों में श्रद्धा और दिलों में मां के प्रति अगाध विश्वास साफ झलकता है। चाहे आप मंदिर में हों या घर पर, जीण माता की आरती गाने से एक अद्भुत सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। आइए, अपनी दिनचर्या में इस आरती को शामिल करें और मां जीण भवानी का आशीर्वाद प्राप्त करें।