लालू यादव की टिप्पणी से छिड़ी बहस
जहानाबाद में जदयू कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह प्रदर्शन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी पर हुआ। इस घटना ने महिला सम्मान और भाषा की मर्यादा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को केंद्र में ला दिया है।
प्रदर्शन में उभरा आक्रोश
जदयू कार्यकर्ताओं ने जहानाबाद जिला मुख्यालय में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। अंबेडकर चौक पर लालू यादव का पुतला दहन करते हुए कार्यकर्ताओं ने अपने गुस्से का इजहार किया। उन्होंने लालू यादव की टिप्पणी को ‘असभ्य’ और ‘निंदनीय’ बताते हुए जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ऐसी टिप्पणी एक सभ्य व्यक्ति से नहीं होनी चाहिए।
महिला सम्मान पर हमला: जदयू का तीखा आरोप
जदयू कार्यकर्ताओं ने इस बयान को सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपमान के रूप में नहीं देखा, बल्कि इसे महिला समुदाय के प्रति लालू यादव की मानसिकता का भी प्रतीक माना। कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि लालू यादव की खुद की सात बेटियां हैं और उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। ऐसे में एक नेता द्वारा इस प्रकार की महिला विरोधी टिप्पणी करना अत्यंत शर्मनाक है।
राजनीतिक मर्यादा का उल्लंघन
जदयू कार्यकर्ताओं ने लालू यादव की टिप्पणी को ‘मानसिक दिवालियापन’ करार दिया। उनका कहना था कि इस तरह की भाषा का इस्तेमाल समाज में नफरत और विभाजन फैलाने का प्रयास है। उन्होंने इसे न सिर्फ महिला समुदाय के खिलाफ अपमानजनक माना, बल्कि यह राजनीतिक मर्यादाओं का भी उल्लंघन बताया।
आगे का रास्ता: प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी
लालू यादव की टिप्पणी के बाद राज्य में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। जदयू इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है और विभिन्न स्तरों पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर लालू यादव ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी, तो उनका विरोध और तेज किया जाएगा।
इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में फिर से बहस का एक नया दौर शुरू कर दिया है, जो महिला सम्मान और राजनीतिक मर्यादा पर जोर दे रहा है।