
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के एक बयान ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। डार ने गुरुवार को पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की अवधि 18 मई तक सीमित है। इस बयान को अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी AFP ने रिपोर्ट किया है। डार के इस बयान के बाद विशेषज्ञों और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव एक बार फिर बढ़ने वाला है?
भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर 2021 में हुए सीजफायर समझौते के बाद से काफी हद तक शांति बनी हुई थी। लेकिन इशाक डार द्वारा अचानक सीजफायर की “डेडलाइन” बताए जाने से यह आशंका गहराने लगी है कि पाकिस्तान इस समझौते से पीछे हट सकता है या किसी नए तनाव की भूमिका बन रही है। आमतौर पर ऐसे समझौतों की कोई सार्वजनिक समयसीमा नहीं होती, इसलिए डार का यह बयान असामान्य और चिंताजनक माना जा रहा है।
हालांकि भारत की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस तरह के बयानों को गंभीरता से लेता है और अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क रहता है। आने वाले दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक गतिविधियां तेज हो सकती हैं। साथ ही, यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान की सेना और राजनीतिक नेतृत्व इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं।