
दिवाली के अवसर पर, तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 62 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी कर उपभोक्ताओं को एक नया झटका दिया है। यह वृद्धि उन व्यवसायों को प्रभावित कर सकती है जो होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, और अन्य खाने-पीने के प्रतिष्ठानों के लिए इस गैस का उपयोग करते हैं।
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में इस बढ़ोतरी से व्यवसायों का बजट और संचालन लागत बढ़ जाएगी। पहले से ही महंगाई का दबाव झेल रहे इन व्यवसायों को अब ग्राहकों तक यह लागत बढ़ोतरी पहुंचानी पड़ सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को भी सेवाओं के दाम बढ़े हुए मिल सकते हैं। विशेषकर, छोटे और मध्यम स्तर के होटल और रेस्टोरेंट मालिकों के लिए यह वृद्धि उनकी मुनाफे पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
इस वृद्धि के पीछे तेल कंपनियों ने कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव और लागत में वृद्धि का हवाला दिया है। हालांकि, घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की कीमत में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे आम जनता को कुछ राहत मिली है। लेकिन कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी से त्योहारों के सीजन में खाने-पीने की सेवाओं की कीमतों पर असर पड़ सकता है।
कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में वृद्धि का असर केवल शहरों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों के व्यवसायों पर भी पड़ेगा। इस निर्णय को कई व्यापारी वर्गों द्वारा अप्रत्याशित और असमय माना जा रहा है, क्योंकि त्योहारों के सीजन में यह निर्णय न केवल व्यवसायों के मुनाफे को कम कर सकता है, बल्कि ग्राहकों के लिए भी खाद्य सेवाओं को महंगा बना सकता है।
कुल मिलाकर, इस कीमत वृद्धि ने व्यवसायों के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है, और यह देखना होगा कि वे इस परिस्थिति का कैसे सामना करते हैं।