वाराणसी के नगवां क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे धड़ल्ले से अवैध निर्माण कार्य हो रहा है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। जबकि शहर में विकास प्राधिकरण नामक एक विभाग है, जिसकी अनुमति के बिना मकान बनाना नियमों के खिलाफ है। इसके बावजूद, इस विभाग के अधिकारी अवैध निर्माण को रोकने के बजाय अपनी आंखें मूंदे बैठे हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि विकास प्राधिकरण केवल कागजों तक सीमित रह गया है और वास्तविकता में उसका कोई असर नहीं दिखता। नियमों के अनुसार, गंगा के किनारे निर्माण कार्य के लिए सख्त अनुमति प्रक्रिया होती है, लेकिन नगवां में बिना किसी रोक-टोक के तेजी से अवैध निर्माण हो रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्राधिकरण और उससे जुड़े अधिकारी सिर्फ अपना विकास करने में व्यस्त हैं, जबकि शहर की ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर को नष्ट किया जा रहा है। गंगा तट पर अवैध निर्माण पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता से ऐसे कार्य बढ़ते जा रहे हैं। यदि जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो यह क्षेत्र अनियंत्रित अतिक्रमण का शिकार हो सकता है।