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हिमा दास का निलंबन और डोपिंग निरोधक एजेंसी का निर्णय

हिमा दास का निलंबन और डोपिंग निरोधक एजेंसी का निर्णय
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हाल ही में, भारतीय एथलीट हिमा दास को डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) द्वारा निलंबित किए जाने की घोषणा की गई। यह निलंबन हिमा की तरफ से अपने ठिकाने की जानकारी न देने के कारण लगाया गया था। नाडा की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, हिमा को मामले के समाधान समझौते के तहत निलंबन का सामना करना पड़ा। वह इस समय तिरुवनंतपुरम में प्रशिक्षण ले रही हैं।

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निलंबन की अवधि और असमंजस की स्थिति


हिमा दास, जो एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता फर्राटा धाविका हैं, को ठिकाने की जानकारी न देने के कारण निलंबन का सामना करना पड़ा। हालांकि, यह निलंबन उनके लिए एक असामान्य घटना साबित हुआ, क्योंकि वह इस निलंबन के बावजूद प्रतियोगिताओं में भाग ले रही थीं। उनका निलंबन 22 जुलाई 2023 से 21 नवंबर 2024 तक था, लेकिन उन्होंने इस साल अप्रैल में बेंगलुरु में इंडियन ग्रां प्री मीट और जून में पंचकूला में राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय मीट जैसी प्रमुख प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

नाडा के समाधान समझौते का असर


नाडा ने हिमा दास को ठिकाने की जानकारी न देने के कारण निलंबित किया था, लेकिन यह निलंबन ‘मामले के समाधान समझौते’ के तहत हुआ। इस समझौते के तहत, हिमा ने बिना किसी अपील के इस निर्णय को स्वीकार कर लिया था। हिमा का निलंबन भले ही नवंबर में समाप्त हो गया था, लेकिन इसकी समयसीमा के भीतर वह प्रतियोगिताओं में भाग ले रही थीं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई थी।

डोपिंग निरोधक पैनल से मिली राहत


इस घटनाक्रम से पहले, हिमा दास को नाडा के डोपिंग निरोधक पैनल से पूरी तरह से मंजूरी मिली थी। पैनल ने उन्हें ठिकाने की जानकारी न देने के आरोपों से बरी कर दिया था। पैनल ने यह निर्णय लिया था कि हिमा के खिलाफ डोपिंग के कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं। इस फैसले के बाद, हिमा को अपनी प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने की छूट मिल गई थी।

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पिछली सुनवाई और बरी होने की प्रक्रिया


हिमा को पिछले साल नाडा ने 12 महीनों में तीन बार अपने ठिकाने की जानकारी न देने के कारण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। लेकिन मार्च में हुई सुनवाई के बाद, डोपिंग निरोधक अनुशासन पैनल (एडीडीपी) ने उन्हें बरी कर दिया था। इस फैसले के बाद, वह फिर से प्रतिस्पर्धाओं में शामिल हुईं। चार सितंबर को डोपिंग निरोधक अपील पैनल ने उस फैसले को बरकरार रखा, जिससे हिमा को राहत मिली और वह डोपिंग के आरोपों से मुक्त हो गईं। हिमा दास के खिलाफ यह घटनाक्रम एक पेचीदा स्थिति को जन्म देता है, क्योंकि निलंबन की घोषणा के बावजूद वह प्रतियोगिताओं में भाग ले रही थीं। हालांकि, नाडा और हिमा के बीच समझौते के बाद, उनकी स्थिति साफ हो गई और वह अब प्रतिस्पर्धाओं में शामिल होने के लिए स्वतंत्र हैं।

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