
रोहनिया।हेरिटेज आईएमएस हॉस्पिटल ने किडनी प्रत्यारोपण के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए स्वयं को पूर्ण किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर के रूप में स्थापित कर लिया है। अस्पताल में अब तक दो सफल किडनी प्रत्यारोपण किए जा चुके हैं और तीसरा प्रत्यारोपण शीघ्र ही संपन्न होने जा रहा है। अस्पताल के चेयरमैन डॉ. सिद्धार्थ राय ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि, “यह उपलब्धि पूरे पूर्वांचल के मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। अब लोगों को उपचार के लिए दूर महानगरों में नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि उन्हें विश्वस्तरीय किडनी प्रत्यारोपण सेवाएँ यहीं वाराणसी में मिलेंगी। डायरेक्टर डॉ. आकाश राय ने कहा कि, ‘हमारी विशेषज्ञ टीम ने कठोर परिश्रम से यह साबित कर दिया है कि पूर्वांचल भी उन्नत चिकित्सा सुविधाओं में किसी से पीछे नहीं है। हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक जरूरतमंद मरीज तक यह सुविधा सुरक्षित और किफायती रूप में पहुँचे।” डायरेक्टर डॉ. ऋचा राय ने कहा कि, “हेरिटेज आईएमएस की यह पहल हमारे संकल्प को मजबूत करती है कि मरीजों को न केवल चिकित्सा सुविधा, बल्कि संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण के साथ देखभाल उपलब्ध कराई जाए। हमारा प्रयास है कि यहाँ आने वाला हर मरीज स्वस्थ होकर जाए।” संस्थान के प्रिंसिपल कर्नल डॉ. बी. के. प्रसाद ने कहा कि, “किडनी प्रत्यारोपण जैसे जटिल विषय में सफलता हासिल करना हमारे लिए गर्व का विषय है। यह हमारे विद्यार्थियों और भविष्य के डॉक्टरों के लिए भी एक प्रेरणा है। मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट ब्रिगेडियर डॉ. अवतार नारायण ने बताया कि, “अस्पताल में विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्बर, प्रशिक्षित स्टाफ और अत्याधुनिक तकनीक की उपलब्धता ने यह उपलब्धि संभव बनाई है। हम आगे भी मरीजों को सर्वोत्तम सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” वरिष्ठ गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. राणा गोपाल सिंह ने कहा की यह हेरिटेज आईएमएस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. मैं चाहता हूं कि भविष्य में शव से गुर्दा निकालकर प्रत्यारोपित किया जाए जो कि पूरे भारतवर्ष में ना के बराबर है वरिष्ठ पूरोलॉजिस्ट एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर हिमांशु पांडेय ने कहा कि यह पूर्वांचल के मरीजों के लिए अपनी तरह की एक उपलब्धि है हमने दो दिन में दो गुर्दा प्रत्यारोपण किया उसमें से एक का गुर्दा प्रत्यारोपण बहुत ही कठिन था क्योंकि गुर्दा में दो बड़ी खून की नालियां जुड़ी हुई थी जिसको जोड़ना कठिन काम होता है लेकिन हमने इसको भी सफलतापूर्वक कर लिया. इस प्रकार की जटिल सर्जरी की भी सुविधा पूर्वांचल और आसपास के क्षेत्र के लिए हेरिटेज आईएमएस हॉस्पिटल उपलब्ध करा रहा है। नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. योगेश गौर ने कहा कि वाराणसी में सफल किडनी ट्रांसप्लांट केवल एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र की ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह उन मरीजों के लिए नई उम्मीद और नई जिंदगी लेकर आया है जो वर्षों से डायलिसिस की तकलीफ झेल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सफलता टीम की मेहनत, समर्पण और काशी की धरती पर स्वास्थ्य सेवाओं की नई शुरुआत का प्रतीक है।किडनी प्रत्यारोपण की विशेषज्ञ टीम में नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. राणा गोपाल सिंह (एमबीबीएस, एमडी, डीएम), डॉ. डी. के. सिन्हा (एमबीबीएस, एमडी, डीएम) और डॉ. योगेश गौर (एमबीबीएस, एमडी. डीआरएनबी) शामिल हैं। वहीं यूरोलॉजी विभाग का नेतृत्व वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. हिमांशु पांडेय (एमबीबीएस, एमएस, एमसीएच), डॉ. श्वेतांक मिश्रा (एमबीबीएस, एमएस, एमसीएच) और डॉ. शुभांकर गौतम (एमबीबीएस, एमएस, एमसीएच) कर रहे हैं। इस टीम ने मिलकर किडनी प्रत्यारोपण सेवाओं को नए स्तर पर पहुँचाया है।हेरिटेज आईएमएस हॉस्पिटल पहले से ही नभ एवं एनएबीएल प्रमाणित संस्थान है और आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पाँच लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराता है। साथ ही एक ही परिसर में सभी जाँच एवं आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ मौजूद होने से मरीजों को अतिरिक्त परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। अस्पताल प्रबंधन ने संकल्प लिया है कि आने वाले समय में भी मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ, अनुभवी डॉक्टरों का मार्गदर्शन और उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएँ निरंतर उपलब्ध कराई जाएँगी।