RS Shivmurti

Hanuman Ashtak in Hindi | हनुमान अष्टक इन हिंदी

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हनुमान अष्टक भगवान हनुमान जी की स्तुति में रचा गया एक अत्यंत प्रभावशाली भजन है, जो भक्तों के मन में आस्था, साहस और शक्ति का संचार करता है। इसे सुनने और गाने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन के संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा भी प्राप्त होती है। तुलसीदास जी द्वारा रचित यह अष्टक, सरल भाषा और भावपूर्ण शब्दों में हनुमान जी के गुणों का वर्णन करता है। इसमें हनुमान जी के बल, बुद्धि, भक्ति और संकटमोचक स्वरूप की महिमा गाई गई है। यह अष्टक हर उम्र के भक्तों के दिल को छू लेता है और उन्हें आत्मबल प्रदान करता है।

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बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों॥
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो॥

देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ॥
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ॥
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ॥

कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ॥
अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो॥

जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ॥
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥

रावण त्रास दई सिय को सब,
राक्षसी सों कही सोक निवारो ॥
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मारो ॥

चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥
बान लग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तजे सुत रावन मारो ॥

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लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ॥
आनि सजीवन हाथ दई तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥

रावन युद्ध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो॥
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो ॥

आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥
बंधु समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ॥

देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो॥
जाय सहाय भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥

काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ॥
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहिं जात है टारो ॥

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होय हमारो ॥

॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे।
अरु धरि लाल लंगूर,
वज्र देह दानव दलन।

हनुमान अष्टक सिर्फ एक भजन नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम है जो भक्तों को हनुमान जी के चरणों में जोड़ देता है। इसे रोजाना गाने या सुनने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास का प्रवाह होता है। संकट चाहे जितना भी बड़ा हो, हनुमान जी की कृपा से हर समस्या का समाधान संभव है। उनकी भक्ति हमें यह सिखाती है कि विश्वास और परिश्रम से सब कुछ संभव है। तो आइए, हनुमान अष्टक के माध्यम से अपने जीवन को भक्तिमय और समस्याओं से मुक्त बनाएं। जय हनुमान!

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