श्रीकृष्ण लीला की अनगिनत कथाओं में से एक कालिया नाग का मर्दन भी है, जो भक्तों के लिए श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस कथा का उल्लेख करते हुए, हाल ही में लक्खा मेले में असंख्य भक्तों का सैलाब उमड़ा, जहां गिरधर गोपाल द्वारा कालिया नाग के घमंड का मर्दन करने की कथा का मंचन किया गया। मेले का आयोजन पूरे उत्साह और भक्ति भाव से किया गया, जिसमें भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण की अनोखी लीलाओं का साक्षात्कार किया।
माना जाता है कि कालिया नाग यमुना नदी में विष घोल रहा था, जिससे उसके आसपास का क्षेत्र विषैला हो गया था। जब श्रीकृष्ण को इस बात का पता चला, तो उन्होंने अपने परम दिव्य रूप में यमुना नदी में कूदकर कालिया नाग का घमंड चूर कर दिया। कथा के अनुसार, श्रीकृष्ण ने कालिया नाग के फन पर नृत्य किया, जिससे नाग का घमंड समाप्त हो गया और वह श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित हो गया। यह घटना, जिसे भगवान श्रीकृष्ण की पराक्रमी और दयालु स्वभाव का प्रतीक माना जाता है, भक्तों के मन में गहरी श्रद्धा उत्पन्न करती है।
लक्खा मेले में कालिया मर्दन लीला का आयोजन भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। श्रद्धालुओं ने इस लीला का अनुभव करते हुए भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़, भजन-कीर्तन और आरती से गूंजायमान वातावरण ने श्रद्धालुओं को एक अलौकिक अनुभूति प्रदान की। इस आयोजन में भाग लेकर भक्तों ने श्रीकृष्ण के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया और उनके जीवन में प्रेम, त्याग और भक्ति के महत्व को समझने का प्रयास किया।
इस तरह, कालिया मर्दन लीला ने भक्तों के मन में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति आस्था को और अधिक प्रगाढ़ किया, और उनके आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मकता और समर्पण का संचार किया।