गंगा आरती भारतीय संस्कृति और धर्म का एक अभिन्न हिस्सा है, जो हमारे जीवन में आध्यात्मिकता और पवित्रता का प्रतीक है। यह आरती माँ गंगा के प्रति श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करने का एक माध्यम है। गंगा आरती के मंत्र और गीत न केवल हमें आंतरिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि हमारी आत्मा को भी ऊर्जावान बनाते हैं। इन गीतों और श्लोकों के बोल में भक्तिभाव और गहरी भावनाएँ छिपी होती हैं, जो हर किसी के दिल को छू जाती हैं।
Ganga Aarti Lyrics
ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता
॥ॐ जय गंगे माता॥
चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता
॥ॐ जय गंगे माता॥
पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता
॥ॐ जय गंगे माता॥
एक ही बार भी जो नर तेरी शरणगति आता
यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता
॥ॐ जय गंगे माता॥
आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता
दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता
ॐ जय गंगे माता
॥ॐ जय गंगे माता॥
जय गंगा मैया मां जय सुरसरी मैया
भवबारिधि उद्धारिणी अतिहि सुदृढ़ नैया॥
हरी पद पदम प्रसूता विमल वारिधारा
ब्रम्हदेव भागीरथी शुचि पुण्यगारा॥
शंकर जता विहारिणी हारिणी त्रय तापा
सागर पुत्र गन तारिणी हारिणी सकल पापा॥
गंगा-गंगा जो जन उच्चारते मुखसों
दूर देश में स्थित भी तुरंत तरन सुखसों॥
मृत की अस्थि तनिक तुव जल धारा पावै
सो जन पावन होकर परम धाम जावे॥
तट-तटवासी तरुवर जल थल चरप्राणी
पक्षी-पशु पतंग गति पावे निर्वाणी॥
मातु दयामयी कीजै दीनन पद दाया
प्रभु पद पदम मिलकर हरी लीजै माया॥
हर हर गंगे, जय मां गंगे,
हर हर गंगे, जय मां गंगे॥
ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
चंद्र सी जोत तुम्हारी जल निर्मल आता
शरण पडें जो तेरी सो नर तर जाता
॥ ॐ जय गंगे माता॥
पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता
कृपा दृष्टि तुम्हारी त्रिभुवन सुख दाता
॥ ॐ जय गंगे माता॥
एक ही बार जो तेरी शारणागति आता
यम की त्रास मिटा कर परमगति पाता
॥ ॐ जय गंगे माता॥
आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता
दास वही सहज में मुक्त्ति को पाता
॥ ॐ जय गंगे माता॥
ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता
जो नर तुमको ध्याता मनवांछित फल पाता
ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ॥
गंगा आरती के बोल केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि यह ईश्वर से जुड़ने का एक मार्ग है। इन मंत्रों और गीतों को सुनने और गाने से हमारे मन में शांति, सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार होता है। माँ गंगा के चरणों में गाई जाने वाली आरती हमें यह याद दिलाती है कि हमारे जीवन का असली उद्देश्य आध्यात्मिकता और शुद्धता की ओर बढ़ना है। आइए, माँ गंगा की आरती के माध्यम से अपने जीवन को धन्य बनाएं और उनकी कृपा का अनुभव करें।